मुरैना। मुरैना में खनन माफिया और उसके गुर्गे वन विभाग की टीम के कब्जे से अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले गए। ट्रॉली में अवैध खनन के खंडे (पत्थर) भरे थे। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बेबस खड़े होकर देखते रहे। डिप्टी रेंजर केशव शर्मा और टीम जब बानमोर थाने पहुंची तो थानेदार ने कहा- इलाके में जाने से पहले पूछना चाहिए था। हमारी इजाजत क्यों नहीं ली, रिपोर्ट नहीं लिखेंगे।
घटना बुधवार की है। इसका वीडियो भी सामने आया है। मुरैना की शनीचरा रेंज की ऑफिसर श्वेता त्रिपाठी और डिप्टी रेंजर केशव शर्मा ने टीम के साथ खंडों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा था। ड्राइवर के पास इसके कागजात नहीं थे। टीम ट्रैक्टर-ट्रॉली को कब्जे में लेकर शनीचरा की तरफ आने लगी। एक कर्मचारी ट्रैक्टर चलाकर ला रहा था, दो बैठे थे, जबकि अमले की तीन गाड़ियां साथ चल रही थी। रास्ते में बानमोर रेलवे लाइन की रेलवे क्रॉसिंग पड़ती है। फाटक का बैरियर गिरा हुआ था। टीम गेट खुलने का इंतजार कर रही थी, तभी 8 से 10 लोग आए और ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ाकर ले गए। टीम ने रोकने की कोशिश की तो बंदूकें दिखाते हुए भाग निकले।
घटना के बाद रेंज ऑफिसर श्वेता त्रिपाठी ने डिप्टी रेंजर केशव शर्मा को रिपोर्ट लिखवाने के लिए कहा। वह टीम के साथ बानमोर पुलिस थाने पहुंचे। महेश पुत्र लालसिंह गुर्जर निवासी पहाड़ी, विशंभर पुत्र लालसिंह गुर्जर समेत 8 से 10 आरोपियों की शिकायत की, लेकिन थाना प्रभारी वीरेश कुशवाह ने रिपोर्ट लिखने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि उनकी अनुमति के बिना वे क्षेत्र में ट्रैक्टर पकड़ने गए क्यों? अगर गए भी थे तो उन्हें साथ में ले जाना चाहिए था।
रेंज ऑफिसर श्वेता त्रिपाठी का कहना है, ऐसा कोई नियम नहीं है कि हम हर कार्रवाई में पुलिस को साथ लेकर चलें। पुलिस हमारा सहयोग नहीं कर रही है। SP आशुतोष बागरी ने कहा कि वन अमले ने अगर कोई कार्रवाई की है या उनके कब्जे से ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ाई गई है, तो बानमोर थाना पुलिस को जरूर FIR दर्ज करना चाहिए था। इस मामले में थाना प्रभारी से बात की जाएगी।