देवास। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट शादी के बंधन में बंध गए हैं। मुंबई के पाली हिल स्थित रणबीर के घर ‘वास्तु अपार्टमेंट’ में दोनों ने पंजाबी रीति-रिवाज से सात फेरे लिए। बॉलीवुड सेलेब्स की शादी की तरह देवास के टीचर ने अपनी बिटिया की शादी को खास बनाया। बेटी के वेडिंग इन्विटेशन कार्ड्स में टीचर ने समाज को सीख दीं। इन्विटेशन कार्ड में पंचतत्व (क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा) के साथ आदिवासी परंपरा की भी झलक है। पूर्वजों को साक्षी मानते हुए कार्ड के जरिए बेटी बचाओ, बिजली बचाओ, प्रकृति बचाओ, संस्कृति बचाओ का भी मैसेज दिया है।
यह अनोखा कार्ड देवास जिले के बागली के मालीपुरा गांव के रहने वाले टीचर बालूसिंह मूवेल ने अपनी बेटी गायत्री की शादी के लिए छपवाया है। उन्होंने लिखवाया है- भले ही एक रोटी कम खाओ, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाओ, क्योंकि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पीएगा, दहाड़ेगा जरूर। बिरसा मुंडा के बताए रास्ते पर चलने की सीख है। आदिवासी गीत भी प्रिंट हैं। इन्विटेशन कार्ड को राकेश देवड़े बिरसावादी ने डिजाइन किया है। टीचर ने बताया कि बेटी की शादी 15 अप्रैल को धार के जतिन के साथ हो रही है। वे शादी को परंपरा अनुसार ही करना चाह रहे थे। यही वजह है कि उन्होंने शादी का कार्ड कुछ अलग हटकर बनवाया। बालूसिंह बढ़पुरा प्राथमिक विद्यालय में टीचर हैं। उनके दो बेटे और बेटी है। दुल्हन गायत्री सबसे बड़ी हैं।
दुल्हन गायत्री (25) ने इंदौर से हिंदी साहित्य से MA किया है। वह अभी BEd कर रही है। उसने बताया कि उसका सपना टीचर बनने का है। वहीं, धार जिले के पडियाल निवासी दूल्हा जतिन (27) ग्रेजुएट है। अभी आईटीआई के साथ कॉप्टीटिव एग्जाम की तैयारी कर रहा है। चार पेज के वेडिंग कार्ड को पश्चिम निमाड़ खरगोन के ग्राम खोलगांव के रहने वाले राकेश देवड़े बिरसावादी ने डिजाइन किया है। राकेश समाजसेवी हैं। उनके अनुसार अपनी प्रकृति, संस्कृति, सभ्यता, भाषा, बोली, परंपरा, रीति-रिवाज को संरक्षित करने तथा शिक्षा के प्रति अलख जगाने के उद्देश्य से यह पत्रिका डिजाइन की गई है।