ग्वालियर। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन के खिलाफ मुख्यमंत्री से फर्जी शिकायतें करने मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। ये फर्जी शिकायतें खुद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के PA सत्यप्रकाश शर्मा ने ही करवाई थीं। शर्मा ने अपने ड्राइवर अजय सालुंके के जरिए एक पत्रकार के नाम से सीएम समेत 7 जांच एजेंसियों को शिकायतें भेजी। जिसमें उसने प्रदेश के टोल नाकों पर 50 करोड़ की अवैध वसूली का आरोप लगाया। जब पत्रकार धर्मवीर कुशवाह के पास स्पीड पोस्ट के मैसेज आए, तब जाकर मामले का खुलासा हुआ। क्राइम ब्रांच ने ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, मास्टरमाइंड सत्यप्रकाश शर्मा फरार है।
ग्वालियर में सिंधिया नगर के रहने वाले 44 साल के धर्मवीर कुशवाह लोकल अखबार का संचालन करते हैं। 4 अप्रैल 2022 की रात सवा दस बजे उनके मोबाइल पर स्पीड पोस्ट बुक करने के 9 मैसेज आए। मैसेज देखकर वह दंग रह गए, जबकि उनके द्वारा कोई भी स्पीड पोस्ट नहीं की गई थी। इस पर धर्मवीर ने आर्टिकल नंबर लेकर सर्च किया, तो पता लगा कि यह पार्सल डाकघर काउंटर स्टेशन से बुक किया गया है। इसके बाद वह खुद स्टेशन पहुंचे। धर्मवीर ने वहां पहुंचकर बताया कि उनके पास मैसेज आए हैं, जबकि यह स्पीड पोस्ट उन्होंने नहीं की है। अगले दिन 5 अप्रैल को उन्होंने आवेदन देकर सभी स्पीड पोस्ट को रिकॉल कराया। इस पर 7 अप्रैल को धर्मवीर के घर के पते पर 6 स्पीड पोस्ट रुकवा दीं, लेकिन तीन पोस्ट हो गई थीं। जब उन लिफाफों को खोलकर देखा, तो अंदर पेपर्स में चौंकाने वाली जानकारी मिली। उनके नाम से किसी ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें की थीं, जबकि धर्मवीर का कहना है कि उनका इन शिकायतों से लेना देना नहीं है। उन्होंने तत्काल क्राइम ब्रांच से शिकायत की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए केस दर्ज कर लिया।
मामले में पुलिस ने जब स्टेशन स्थित डाकघर में लगे सीसीटीवी खंगाले, तो बुकिंग के समय एक युवक लिफाफे लेकर आते दिखा। उसकी पहचान परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के पीए व बाबू सत्यप्रकाश शर्मा के ड्राइवर अजय सालुंके के रूप में हुई। पुलिस ने अजय से पूछताछ की, तो उसने सब कुबूल कर लिया। उसका कहना था कि उसने सत्यप्रकाश शर्मा के कहने पर ही पोस्ट किया था। इससे पहले भी वह फर्जी नामों से शिकायत करने जाता था। इसके बाद पुलिस ने सत्यप्रकाश का नाम FIR में बढ़ाने के बाद उसकी तलाश शुरू कर दी है।
धर्मवीर ने बताया कि यह किसी की साजिश है। वह मेरे नाम से शिकायत कर परिवहन मंत्री और आयुक्त को मेरे खिलाफ करना चाहता है। इसमें उसका कुछ फायदा होगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामले में एएसपी शहर राजेश दंडौतिया का कहना है कि उनके पास शिकायत आई थी। इसमें धर्मवीर कुशवाह ने बताया था कि उनके नाम से फेक शिकायतें की जा रही हैं। इस पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पता लगा रहे हैं कि किसने स्पीड पोस्ट से यह शिकायतें भेजी हैं। धर्मवीर के नाम से परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त की शिकायतों के लिफाफे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, रजिस्ट्रार हाईकोर्ट, CBI, भाजपा संगठन मंत्री, महानिदेशक लोकायुक्त सहित अन्य स्थानों पर भेजे जाने थे।