भोपाल। खेती की लागत घटाने के लिए शिवराज सरकार किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से बिना ब्याज के अल्पावधि कृषि ऋण उपलब्ध कराती है। इसमें लगने वाली लागत प्रतिपूर्ति के लिए समितियों को ब्याज अनुदान दिया जाता है लेकिन इसमें दो साल लग जाते हैं। इसका नुकसान यह होता है कि समितियों को जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को ब्याज देना पड़ता है। इससे समितियों को बचाने के लिए सहकारिता विभाग ने प्रस्ताव दिया है कि खरीफ और रबी फसलों के लिए ऋण चुकाने की अंतिम तिथि से ब्याज अनुदान की राशि के भुगतान के बीच का ब्याज समितियों को दिया जाएगा। इस पर निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।
प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से प्रतिवर्ष 35 लाख से अधिक किसानों को ब्याज रहित अल्पावधि कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए राशि का इंतजाम समितियां जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों से राशि लेकर करती हैं। जब किसान ऋण चुकाते हैं तो समितियां बैंकों को राशि लौटाती हैं। किसानों को ब्याज रहित ऋण देने के लिए लागत की प्रतिपूर्ति केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाले 10 प्रतिशत अनुदान से होती है। हालांकि, वित्त विभाग ने इसे दस प्रतिशत से घटाकर 8.6 प्रतिशत करने का अभिमत दिया है, जिस पर सहकारिता विभाग असहमति जताई है। दरअसल, सहकारी संस्थाओं (अपेक्स बैंक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और प्राथमिक समिति) का व्यवसाय 90 से 95 प्रतिशत तक कृषि ऋण का ही है। यदि आधार दर कम की जाती है तो इसका असर किसानों को वितरित किए जाने वाले ऋण पर पड़ सकता है। वैसे भी ब्याज अनुदान की राशि मिलने में दो वर्ष का समय लग जाता है।
2020-21 में वितरित ऋण के विरुद्ध 662 करोड़ रुपये अभी तक समितियों को नहीं मिले हैं। विभाग ने प्रस्तावित किया है कि जब तक ब्याज अनुदान का भुगतान नहीं होता है, उस अवधि का ब्याज भी दिया जाए आबकारी नीति 2022 में सरकार एक बार फिर संशोधन करने जा रही है। इसमें यह प्रविधान किया जा रहा है कि देश या विदेशी शराब के स्टाक को एक से दूसरी दुकान में जिले के भीतर स्थानांतरित किया जा सकता है पर ठेकेदार उसी ब्रांड की शराब गोदाम से नहीं उठा सकेगा।
इन प्रस्तावों को भी मिलेगी मंजूरी
– कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के निम्न आय वर्ग वाले घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिलों के भुगतान में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना-2022 का अनुमोदन।
– 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने के की स्वीकृति ।
– सागर जिले की सोनपुर मध्यम और सूरजपुरा मध्यम सिंचाई परियोजना, भाम (राजगढ़) मध्यम सिंचाई परियोजना को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति।
– सिंगरौली में खनन प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना के लिए 33 शैक्षणिक और 62 गैर शैक्षणिक पद बनाने की अनुमति ।