मध्यप्रदेश। Chief Minister Shivraj Singh Chauhan ने पांच साल पहले आज ही के दिन पेटलावद के नया बस स्टैंड पर अचानक हुए ब्लास्ट में 78 लोग की मौत और कई लोग गंभीर रूप से घायल होने पर कर शोक जताते हुए उन्हें कुछ वादे किये थे। जो अभी तक पुरे है। इस दिन को काले दिन के रूप में न सिर्फ जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजन मनाते है, बल्की यह वह भयानक विपदा थी जिसने नगर सहित प्रदेश व देश को हिलाकर रख दिया था। काल के गाल में समायें 78 लोगों के साथ उनका पूरा का पूरा परिवार विधवा, विलाप करती पत्निया, जवान बेटों की राह देखती मॉ, और छोटे-छोटे बच्चों के सीर से बाप का साया उठ गया था। इस दर्दनाक मंजर को आज भी लोग याद करके सहर उठते है। यह भी एक संयोग है कि तब भी शनिवार था और आज भी शनिवार है।
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घोषणाएं आज भी अधूरी
वैसे तो जो शक्स अपने परिवार को रोता बिलखता छोड़ मौत के मुंह में चला गया उसकी पूर्ति किसी भी प्रकार से संभव नहीं है, लेकिन दर्दनाक हादसे को लेकर प्रशासन और तत्कालिन मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं ओर वादे किये थे। वह घोषणाएं आज भी अधूरी है। वैसे तो तद्समय Chief Minister Shivraj Singh Chauhan घटना के दूसरे दिन पेटलावद आयें और तीन दिन तक पूरे क्षेत्र का दौरा करते हुए हर एक गमगिन परिवार के घर जाकर सहयोग का आश्वासन दिया। उनमें से कई आश्वासन आज भी अधूरे है।
बैंक से बार-बार आ रहे नोटिस…
पेटलावद ब्लास्ट में मारे गयें मृतक सुनिल परमार की पत्नि रामकन्या बाई ने रो-रोकर अपनी पीढ़ा बताई की उसके पति सुनिल परमार 2015 में हुए ब्लास्ट में दिवंगत हुए थे उस समय सुनिल परमार ने भारतीय स्टेट बैंक से ढाई लाख रुपएं का कृषी ऋण लिया था। जिते जी 1 लाख भरने के बाद बैंक का ढेड लाख बकाया था और अचानक इस हादसें में सुनिल मृत हो गयें। बैंक का कर्ज भरे तो कैसे भरें?
मुख्यमंत्री ने कहां था कि बैंक का कर्जा शासन भरेगी तब से लेकर कलेक्टर और भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक तक आवेदन दे चुके है, लेकिन कर्जा शासन ने नहीं भरा उल्टे लगातार कर्जे पर ब्याज बढ़ता जा रहा है जो माह दिसबंर 2019 में 2 लाख 24 हजार तक पहुंच गया। साथ हीं लगातार बैंक की तरफ से कोर्ट के माध्यम से कर्जा वसूली के नोटिस भेजे जा रहे है और नहीं भरने पर जेल भेजने की धमकीयां भी दी जा रहीं है। वहीं रामकन्या बाई के अनुसार वर्तमान में उन्होंने खेत में सोयाबिन, टमाटर, मिर्ची की फसल बोई है, लेकिन अधिक बारिश के चलते फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है, हालांकि हल्का पटवारी ज्योती चौहान खराब फसलों को पंचनामा बनाकर आगे की कार्यवाहीं की बात कह रहीं है।
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नहीं बन पाया शहीद पार्क
यह सिर्फ एक मामला नहीं है, रामकन्या बाई जैसे कई और लोग है जो सरकार की घोषणाओं का पूरा होने की राह देख रहे है, एक वादा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पेटलावद नगर की जनता को किया था और यह घोषणा की थी कि ब्लास्ट में दिवंगत हुए लोगो की स्मृती में शहीद पार्क बनाया जाएगा, साथ हीं इस बारे में तहसील न्यायालय के सामने बने बगीचें में स्मारक बनाने की घोषणा की थी। पांच साल हो गयें है लेकिन यह घोषणा कागजों में दबी हुई है।
जांच पूरी नतीजा सिफर
2015 में प्रदेश सहित दिल्ली तक मामले ने जोर पकड़ा और मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायीक जांच आयोग का गठन करते हुए जांच करवाई थी। आयोग के अध्यक्ष आरयेन्द्र सक्सेना ने तय समय में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सुपुर्द कर दी, लेकिन सरकार ने आज तक इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। पेटलावद के अधिकांश लोगो की मांग है कि न्यायीक जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
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