ग्वालियर।ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाकर ओबीसी महासभा ने प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था। शनिवार को प्रदेशव्यापी हड़ताल का ग्वालियर में मिला-जुला असर रहा है। सुबह-सुबह बाजार बंद रहे हैं। सुबह ओबीसी महासभा के विभिन्न दलों ने रैलियां निकालकर दुकानों को बंद कराया। इस दौरार काफी मात्रा में पुलिस बल मौजूद रहा। पर रैलियों के निकलते ही दुकानों को शटर खुल गए। सड़कों पर सवारी वाहन भी आम दिनों की तुलना में दौड़ते हुए नजर आए हैं। पर ओबीसी महासभा के जिलाध्यक्ष का दावा है कि उनका बंद शांतिपूर्ण था औ सफल रहा। ओबीसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
हाल ही में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। उसके बाद प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि वह ओबीसी के लिए हमेशा से काम करती आई है और उनके प्रयास से यह सब संभव हुआ है, लेकिन इस मामले में ओबीसी महासभा के ग्वालियर जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाह ने बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि 50 प्रतिशत में ही ओबीसी को आरक्षण देना है। एससी, एसटी का आरक्षण मिलाकर 36 प्रतिशत होता है। उसके बाद ओबीसी के लिए 14 प्रतिशत ही बचा। इसमें प्रदेश सरकार ने क्या किया यह तो पहले ही मिल रहा था। हमारी जनसख्या बाहुल्य के आधार पर आरक्षण होना चाहिए। प्रदेश सरकार के विरोध और अपना हक पाने के लिए ओबीसी महासभा ने 21 मई को प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था। शनिवार सुबह से शहर में ओबीसी के विभिन्न दलों की रैलियों ने बाजार बंद कराने शुरू किए। करीब 10 बजे तक बाजार बंद रहे।सुबह बंद, दोपहर में खुला बाजार
शनिवार सुबह जब रैलियां निकल रही थीं तो दुकानदारों ने दुकाने बंद रखीं। बाजार में किसी ने दुकाने खोलीं जो रैली में शामिल लोगों ने दुकानों को बंद करा दिया। रैलियों के गुजरते ही बाजार खुलना शुरू हो गए। 11 बजे के बाद बाजारों में दुकाने खुलना शुरू हो गईं। सड़कों पर आम दिनों की तरह की ट्रैफिक नजर आया। सवारी वाहन भी रफ्तार पकड़ते नजर आए हैं। ओबीसी महासभा के प्रदेशव्यापी बंद को लेकर पुलिस भी अलर्ट मोड पर रही है। सुबह रैलियों के समय पुलिस सड़कों पर मुश्तैद नजर आई। खुद एसएसपी ग्वालियर अमित सांघी ने पूरे शहर का निरीक्षण किया है। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों के समझाइश भी दी गई है।
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