सीहोर। जिले के श्यामपुर थाने का 26 मई की रात में डीजीपी सुधीर सक्सेना ने निरीक्षण किया था। उसी थाने के इंचार्ज अर्जुन जायसवाल और होमगार्ड सैनिक अजय मेवाड़ा 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं। आरोपितों द्वारा रिश्वत की यह राशि एक फरियादी से बोलेरो चोरी की रिपोर्ट लिखने के मामले में ली गई। शुक्रवार रात लोकायुक्त पुलिस संगठन की भोपाल इकाई ने फरियादी भागीरथ जाटव की शिकायत पर यह कार्रवाई की। जाटव की बोलेरो चोरी हो गई, जिसकी शिकायत उन्होंने श्यामपुर थाने में की थी। थाना प्रभारी और उनकी टीम ने रिपोर्ट नहीं दर्ज कर जाटव को यह कहकर धमकाया था कि आप झूठ बोल रहे हो। साथ ही थाने में पिटाई की गई और 50 हजार रुपये की मांग की गई थी।
जानकारी के अनुसार भगीरथ जाटव निवासी श्यामपुर जिला सीहोर द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल को 24 मई 2022 को लिखित शिकायत की गई थी। आवेदक ने इसमें कहा था कि उसके द्वारा बोलेरो वाहन की चोरी की रिपोर्ट थाना श्यामपुर में लिखाई थी। जिस पर थाना प्रभारी उप निरीक्षक अर्जुन जायसवाल ने आवेदक को ही थाने में बैठा लिया और उसके साथ मारपीट की गई। साथ ही कहा गया कि आवेदक गांजा बेचता है, जिसकी गाड़ी ओडिशा में पकड़ी गई थी, जिसकी झूठी रिपोर्ट वह थाने में लिखा रहा है। इसके बाद थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल द्वारा आवेदक से 50 हजार रुपये की मांग की गई और न देने की सूरत में धोखाधड़ी के केस में फंसाने की धमकी दी गई। लोकायुक्त की जांच में आवेदक की शिकायत सही पाई गई। इसके बाद धारा सात पीसी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्व कर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देशन में 27 मई की रात्रि लगभग 11.30 बजे आवेदक से 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए थाना प्रभारी उप निरीक्षक अर्जुन जायसवाल और नगर सैनिक अजय मेबाड़ा को थाना श्यामपुर में रंगेहाथ पकड़ा गया।
थाना प्रभारी ने प्रकरण दर्ज करने के ऐवज में 50 हजार रुपए की मांग की थी। कई दिनों तक भटकने के बाद जब बोलेरो चोरी होने की एफआइआर दर्ज नहीं हुई तो भागीरथ जाटव ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की। पुलिस ने जाल बिछाया और आरोपित को साथ लेकर शुक्रवार को देर रात श्यामपुर थाने गई। इस दौरान थाना प्रभारी जायसवाल थाने में बैठे थे। पीछे होमगार्ड सैनिकों का बैरक है। होमगार्ड सैनिक अजय मेवाड़ा उस समय बैरक में मौजूद थे। जायसवाल ने जाटव से मुलाकात की तो उन्होंने राशि अजय मेवाड़ा को रखवाने को कहा। मेवाड़ा ने राशि रखवा ली और थोड़ी देर बाद नोट उठाकर अपने पास रख लिए। तब तक थाना प्रभारी और मेवाड़ा आपस में मिल गए। उसी दौरान लोकायुक्त की टीम गई और दोनों को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।