मामा ने हड़प्पा भांजी का प्लॉट, पुलिस ने दिलाया ऐसे न्याय

इंदौर। एक मामा ने अपनी ही भांजी के प्लॉट पर कब्जा कर लिया। जब भी भांजी अपने मामा से प्लॉट मांगती, मामा उसे डांटकर भगा देता। कहता था मेरे पास तुम्हारे पापा का कोई प्लॉट नहीं है। इसके बाद छात्रा ने जिमनास्टिक्स की नेशनल प्लेयर बड़ी बहन की मदद ली। दोनों ने पुलिस से मामा की शिकायत कर दी। पुलिस ने मामा को तत्काल थाने बुलाकर रजिस्ट्री तलब कर ली। और भानजी को उसका प्लॉट दिला दिया। टीआईपवन सिंघल ने बताया कि उनके पास बीकॉम फाइन ईयर की छात्रा लक्ष्मी गोपने (22 वर्ष) पहुंची थी। लक्ष्मी ने बताया कि उसके मामा मनोज ने लक्ष्मी के पिता स्व. खांडेराव और मां स्व. गायत्री द्वारा दिए गए प्लॉट पर कब्जा कर लिया है। लक्ष्मी के पिता की दो साल पहले बस में अटैक आने से मौत हो गई थी, जबकि मां की मौत निर्माणाधीन मकान से गिरने से आठ माह पहले हो गई थी।

 

माता-पिता की मौत के बाद जंगमपुरा इलाके में लक्ष्मी के प्लॉट के दस्तावेज मामा ने अपने पास ही रख लिए। लक्ष्मी के मुताबिक उसके दो प्लॉट मामा और पापा ने साथ मिलकर खरीदे थे। लक्ष्मी के पिता को प्लॉट खरीदने के लिए कुछ पैसे मामा मनोज ने दिए थे। लक्ष्मी ने कहा यह पैसा मेरी मां ने मनोज मामा के गैरेज पर काम करके चुका दिए थे। इसके बाद भी मामा मनोज ने प्लॉट होने से ही इंकार कर दिया। पुलिस ने टीम बनाकर भेजा तो पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा मामा पुलिस के मुताबिक लक्ष्मी का मामा मनोज भी जंगमपुरा इलाके में ही रहता है। जबकि लक्ष्मी अपने बड़े पापा के साथ छतरीपुरा इलाके के बारा भाई क्षेत्र में रहती है। लक्ष्मी की शिकायत के बाद पुलिस ने मनोज पूछताछ के लिए मनोज को थाने बुला लिया।

 

मनोज पहले प्लॉट को लेकर इंकार करते रहा। बाद में पुलिस ने जब उसे लताड़ा तो उसने बताया कि बहन गायत्री ने रूपए इकट्ठा कर बच्चों के लिये प्लॉट लिया था। जिसके रूपए वह किश्तों में उसे चुकाती थी। लेकिन दोनों के जाने के बाद उसके मन में लालच आ गया था। इसके चलते वह प्लॉट नहीं दे रहा था। उसने पुलिस के सामने लक्ष्मी को प्लॉट के दस्तावेज सौंप दिए और पैर छूकर माफी मांगी।माता-पिता की मौत के बाद लक्ष्मी और उसका छोटा भाई कार्तिक दोनों अपनी बड़ी मां अनिता और बहन कविता के साथ छतरीपुरा इलाके में बारा भाई क्षेत्र में रहने लगे। कविता जिमनास्टिक की नेशनल खिलाड़ी है। लक्ष्मी ने जब मामा के लालच की बात कविता को बताई तो कविता ने उसे हिम्मत बंधाई और सीधे छतरीपुरा टीआई पवन सिंघल के पास ले गई

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