इंदौर। इंदौर पुलिस का बर्बर चेहरा सामने आया है। विजय नगर पुलिस ने डीजल बेच रहे स्टूडेंट को केबिन में बंद कर प्लास्टिक के पाइप से कई घंटों तक पीटा। पुलिस के जवान थाना प्रभारी के सामने ही स्टूडेंट को मारते रहे। स्टूडेंट के परिवार से 50 हजार रुपए की डिमांड की गई। बाद में 30 हजार रुपए लेकर उसे जाने दिया। इधर, विजय नगर टीआई रवीन्द्र गुर्जर का कहना है कि आरोपी पूरी तरह से झूठ बोल रहा है। उस पर अवैध तरीके से डीजल बेचने का आरोप है। यहां पिटाई जैसी कोई घटना नहीं हुई।
मोहित पिता देवलिया (26) एमकॉम फाइनल ईयर का स्टूडेंट है। परिवार का सहयोग करने के लिए मोहित ने विजय नगर इलाके में खुद की मोहित ट्रैवल एजंसी शुरू की है। शनिवार रात मोहित को परिवार के साथ बाहर जाना था, जिसके लिए उसने डीजल डिब्बों में बाहर रखा था। तभी विजय नगर थाना के बीट जवान मोहित की दुकान में घुसे और छानबीन करने लगे। जवानों ने मोहित की दुकान से 25 लीटर डीजल जब्त किया। अवैध तरीके से डीजल बेचने के आरोप में बीट आरक्षक राजू व अजय दोनों ने मोहित को थाने लाकर जमकर पीटा। उन्होंने मोहित की पिटाई विजय नगर थाना टीआई रवींद्र गुर्जर के सामने उन्हीं केबिन में की। गुर्जर हाल ही में ग्वालियर से ट्रांसफर होकर इंदौर आए हैं। महकमे में चर्चा है कि वे गृहमंत्री के नजदीकी हैं।
घटना के बाद पुलिस जवानों ने मोहित के पिता विनोद देवलिया को फोन लगाया। मोहित के बारे में जानकरी दी कि वो डीजल बेचते हुए गिरफ्तार हुआ है। विनोद ने बताया कि पुलिस ने मुझे धमकी दी कि बेटे को मादक पदार्थों की तस्करी में उलझा देंगे। मोहित का थाने में रो-रोकर बुरा हाल था। वह कह रहा था, पापा मुझे किसी भी तरह से यहां से बाहर निकालो। मैंने बेटे का रोता चेहरा देखा तो मुझसे रहा नहीं गया। तुरंत आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम से शनिवार रात देर रात 30 हजार रुपए निकालकर दोनों जवानों को सौंपे। उन्होंने कहा कि ये पैसा टीआई को देना है। पैसा मिलते ही दोनों ने मोहित को थाने से छोड़ दिया। पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने कहा कि जल्द इस मामले की जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सही निकले तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।