नई दिल्ली। इस साल जनवरी में सातवें वेतन आयोग के अनुसार महंगाई भत्ते (डीए हाइक) में बढ़ोतरी की घोषणा के तुरंत बाद 8 वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन से संबंधित चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। सभी कर्मचारियों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वां वेतन आयोग ला रही है। लेकिन सच यह है कि 8वें वेतन आयोग से संबंधित सभी बातें झूठी और निराधार हैं। इन दावों के समर्थन में ऐसा कोई आधिकारिक संकेत या रिपोर्ट नहीं है। इसके अलावा अगर रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए, तो केंद्र वेतन आयोगों को खत्म करने और प्रदर्शन आधारित वेतन वृद्धि का पालन करने के उपायों पर काम कर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार निजी क्षेत्र के उपक्रमों में मानदंडों के समान, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जल्द ही उनके प्रदर्शन के आधार पर वेतन वृद्धि मिल सकती है।
2016 में तत्कालीन वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवंगत अरुण जेटली ने संसद में कहा था कि सरकार को सिर्फ वेतन आयोग पर नहीं बल्कि अपने कर्मचारियों पर ध्यान देना चाहिए। यह माना जाता है कि सरकारी नौकरियों में प्रदर्शन के आधार पर वेतन वृद्धि से वरिष्ठों का दबदबा रहेगा और कर्मचारियों को अपने कर्तव्य को ईमानदारी से निभाने में दबाव और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने कहा, “ऐसे समय में जब भ्रष्टाचार पूरे सिस्टम को परेशान कर रहा है, पता नहीं प्रदर्शन के आधार पर वेतन वृद्धि कैसे उद्देश्य की पूर्ति करेगी। प्रदर्शन का मूल्यांकन कौन करेगा और किस आधार पर करेगा? इससे कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। सरकार को कर्मचारियों की निष्पक्ष वेतन वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यवहार्य उपाय के साथ आने की जरूरत है।