उज्जैन। चिमनगंज थाना क्षेत्र में रहने वाला 15 साल का किशोर आठवीं कक्षा का छात्र है। वह मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलने का आदी है। उसकी मां ने दो दिन पूर्व मोबाइल से गेम डिलिट कर दिया था। इससे वह काफी गुस्से में था। मंगलवार को किशोर की मां उसे स्कूल जाने के लिए बस स्टाप तक छोड़ने गई तो वह वापस घर आया और साइकिल लेकर सीधे इंदौर चला गया। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे इंदौर से लाकर स्वजन को सौंपा है।
टीआइ जितेंद्र भास्कर ने बताया कि थाना क्षेत्र में रहने वाला आठवीं कक्षा का छात्र रोजाना मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता था। दो दिन पूर्व किशोर की मां ने मोबाइल से गेम डिलिट कर दिया था। इससे छात्र काफी नाराज था। मंगलवार को उसकी मां बस स्टाप तक छोड़ने के लिए गई थी। जहां उसने मां को कहा कि स्कूल की कापी घर पर छूट गई है जिसे वह लेकर आता है। इसके बाद वह घर गया तो लौटा ही नहीं, मां घर पहुंची तो बालक तथा उसकी साइकिल नदारद थी। काफी तलाशने के बाद भी उसका पता नहीं चला तो मां ने चिमनगंज पुलिस को शिकायत की।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बालक की तलाश शुरू की थी। आसपास के क्षेत्रों के तथा पुलिस के कैमरों की फुटेज खंगाली तो वह इंदौर रोड की ओर जाता दिखाई दिया था। किशोर के पास एक मोबाइल था। जिसे वह बार-बार बंद तथा चालू कर रहा था। इस आधार पर पुलिस को उसकी लोकेशन इंदौर के मरी माता चौराहे की मिली थी। जिसके बाद उज्जैन पुलिस इंदौर पहुंची और उसे लेकर उज्जैन आई तथा स्वजन को सौंप दिया
किशोर ने पुलिस को बताया कि गेम डिलिट होने के कारण वह काफी गुस्से में था। इस कारण वह घर छोड़कर भाग जाना चाहता था। साइकिल को वह इंदौर में बेच देता और फिर वहां से मुंबई चला जाता, जहां पर वह किसी दुकान पर काम करता या फिर अपना कोई बिजनेस शुरू करता। बालक के मिलने के बाद पुलिस व स्वजन ने राहत की सांस ली।