भोपाल। सिंगल यूज प्लास्टिक पर शुक्रवार 1 जुलाई से रोक लगना तय है। नगरीय प्रशासन विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिया है। यह रोक केवल कागजी न रह जाए इसके लिए भोपाल को चंडीगढ़ और जकार्ता से सीखने की जरूरत है। चंडीगढ़ में तीन साल पहले यानी 2019 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक है और इंडोनेशिया में 2020 से रोक लगी हुई है।
दोनों ही जगहों पर सख्त नियमों के साथ आम लोगों के सहयोग से यह रोक प्रभावी रूप से लागू है। केंद्र सरकार ने करीब एक साल पहले ही यह घोषित कर दिया था कि 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। मप्र वह राज्य है जहां 2008 से पॉलिथीन पर रोक लगी हुई है, लेकिन 14 साल बाद भी प्रदेश की राजधानी भोपाल में ही पॉलिथीन पर पूरी तरह रोक नजर नहीं आती। बीच-बीच में अभियान चलते हैं, जब्ती और सख्ती होती है, लेकिन फिर पुरानी स्थिति लौट आती है।
चंडीगढ़ की मेयर सरबजीत कौर और निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा की जोड़ी ने चंडीगढ़ में पहले पॉलिथीन और फिर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रभावी रोक लगाई। सरबजीत बताती हैं कि सेक्टर 26 में सबसे बड़ी सब्जी मंडी है। यहां गेट पर काउंटर लगाकर पुराने कपड़े सेे थैले बनाकर दिए जाते हैं। किसी के पास पॉलिथीन मिली तो 1000, फिर 2000, तीसरी बार में 5000 और फिर 10 हजार का जुर्माना लगता है।। पॉलिथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक दोनों पर रोक के लिए व्यापारियों को साथ लिया। स्ट्रा, चम्मच हर चीज का एक बेहतर विकल्प बाजार में उपलब्ध कराया।
इंडोनेशिया सबसे ज्यादा प्लास्टिक का उपयोग करने वाले देशों में रहा है। मप्र में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक की पॉलिसी तैयार करने वाले इम्तियाज अली बताते हैं- जकार्ता में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के लिए वर्ल्ड बैंक ने मदद की। वहां जुलाई 2020 से इस पर बैन है। विकल्प के रूप में वे लोकल मटेरियल का उपयोग कर रहे हैं।
प्लास्टिक स्टिक सहित ईयर बड, बैलून में उपयोग होने वाले प्लॉस्टिक स्टिक, प्लॉस्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में उपयोग होने वाले थर्मोकोल, प्लॉस्टिक/थर्मोकोल प्लेट्स, कप, गिलास, फोर्क, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, स्वीट बॉक्स/निमंत्रण पत्र/सिगरेट पैकट को कव्हर करने वाली पैकिंग फिल्म, प्लॉस्टिक स्टीकर्स तथा 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लॉस्टिक व पीवीसी के बैनर शामिल है।