भोपाल। भोपाल में जल संसाधन विभाग के दफ्तर के सामने पूर्व कर्मचारी ने खुद पर चाकू से 10 से ज्यादा वार कर आत्महत्या का प्रयास किया। वह 30 मिनट तक नर्मदा भवन के पास झाड़ियों में खून से लथपथ पड़े रहे। राहगीर ने पुलिस को सूचना दी। उसकी गर्दन, हाथ, पैर और प्राइवेट पार्ट के पास गहरे घाव हैं। उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके पास सुसाइड नोट मिला है। इसमें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के 18 साल बाद भी 70 हजार रुपए नहीं मिलने का जिक्र है। सुसाइड नोट में राज्यपाल के आदेश के साथ ही अफसरों और मंत्रियों से गुहार लगाने की भी बात लिखी है।
पुलिस के मुताबिक, प्राइड सिटी कटारा हिल्स के रहने वाले ओमप्रकाश भार्गव (57) साल 1986 से अशोकनगर के चंदेरी में दैवेभो कर्मचारी थे। 2003 में उनका वेतन 1882 रुपए था। इसी साल तत्कालीन राज्यपाल रामप्रकाश गुप्त ने आदेश निकाला कि विभाग के जो दैनिक वेतन भोगी स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेंगे, उन्हें सरकार की ओर से 70 हजार रुपए दिए जाएंगे। इस पर ओमप्रकाश ने सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद उन्होंने 70 हजार रुपए के लिए आवेदन किया, लेकिन रुपए नहीं मिले। वह 18 साल से रुपयों के लिए लड़ रहे हैं। विभाग, विभागीय मंत्री, सरकार तक आवेदन दिया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ओमप्रकाश बुधवार दोपहर 4 बजे वह नर्मदा भवन पहुंचे। थोड़ी देर बाद यहीं झाड़ियों में छिपकर खुद पर चाकू से हमला कर लिया। वह खून से लथपथ होकर बेसुध जमीन पर गिर पड़े। इसी बीच, यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी वीरेंद्र मिश्रा की नजर पड़ी। वीरेंद्र ने एम्बुलेंस और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया। बुधवार देर रात को हुए पुलिस बयान में ओमप्रकाश ने घटना बताई।
वही, मौके पर सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें लिखा- मैं आत्महत्या कर रहा हूं। मैं 2003 से अधिकार की लड़ाई लड़ रहा हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मुझे रिटायरमेंट के 70 हजार रुपए भी नहीं मिले। अब जान दे रहा हूं। उन्होंने जल संसाधन विभाग के तत्कालीन एसडीओ भदौरिया समेत दो तीन लोगों को सुसाइड के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस का कहना कि जिन अधिकारियों के ओमप्रकाश ने नाम लिखे हैं, अब वह रिटायर्ड हो गए होंगे। एसडीओ भदौरिया ने ही उन्हें सेवा से पृथक किया था।
एम्बुलेंस के EMT ओपी पटेल ने बताया कि जानकारी लगते ही वह मौके पर पहुंचे। घायल को जेपी अस्पताल लेकर गए। हालत गंभीर होने पर हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया। ओपी पटेल ने बताया कि समय से यदि एम्बुलेंस नहीं पहुंचती, तो जान बचा पाना मुश्किल था।