जबलपुर। नगरीय निकाय निर्वाचन के दूसरे और अंतिम चरण में शामिल, जिले के चार निकायों की मतगणना बुधवार को पूर्ण हो गई। सभी चारों निकायों में भाजपा के उम्मीदवारों का डंका बजा। मतगणना की वजह से सुबह आठ बजे से ही मतगणना स्थलों पर गहमागहमी रही।निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे प्रत्याशियों व उनके अभिकर्ताओं की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला गया। इसके बाद यहां से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों को मतगणना कक्षों के लिए रवाना किया गया। जिन निकायों में पोस्टल बैलेट पड़े वहां उनकी गणना का काम शुरू हुआ। इसी दौरान प्रत्याशियों व उनके अभिकर्ताओं को ईवीएम दिखाई गईं। इसके साथ ही मतगणना का काम शुरू हो गया। मतदाताओं की संख्या कम रही, इसलिए सुबह 11 बजे तक ही स्थिति साफ हो गई कि किस नगर परिषद में किस दल के उम्मीदवारों की क्या स्थिति रही।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सबसे पहले मझौली नगर परिषद की तस्वीर साफ हुई। यहां सुबह साढ़े दस बजे ही रिजल्ट आ गए। मझौली के कुल 15 वार्डों में से 9 पर भाजपा, चार पर कांग्रेस और दो पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा किया। इसके बाद शहपुरा से रिजल्ट आ गए। शहपुरा नगर परिषद में 11 सीटों पर भाजपा, तीन पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई। नगर परिषद पाटन में भी 11 वार्डों में भाजपा, तीन में कांग्रेस और एक में निर्दलीय प्रत्याशी का जलवा दिखा। कटंगी में निर्दलीय उम्मीदवारों को चार सीटें हासिल हुईं। यहां के 15 वार्डों में से 9 पर भाजपा और दो पर कांग्रेस और चार पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने विजयश्री हासिल की।
जिले की नगर परिषद शहपुरा-कटंगी-पाटन मझौली के मतों की गणना कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू कराई गई। नगर परिषद कटंगी में मतों की गणना सामुदायिक भवन कटंगी, नगर परिषद पाटन की शासकीय कन्या उच्चतर विद्यालय पाटन, मझौली की शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय मझौली और नगर परिषद शहपुरा में मतों की गणना टाउन हाल शहपुरा में हुई। सभी मतगणना स्थलों पर पूरे समय संबंधित आरओ-एआरओ सहित अनुविभागीय दंडाधिकारी नजरें जमाए रहे।
मतगणना स्थल के भीतर प्रवेश की अनुमति केवल प्रत्याशियों या उनके अभिकर्ताओं को रही, जबकि उसे लेकर उत्साहित हजारों लोग रहे। लिहाजा जैसे-जैसे घड़ी की सुई आगे बढ़ रही थी वैसे-वैसे मतगणना स्थलों के आस-पास लोगों का उत्साह और शोर-शराबा बढ़ रहा था।
इस चरण में शामिल सभी निकाय संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों वाले रहे। इसलिए प्रशासन और पुलिस की इन क्षेत्रों पर पैनी नजर बनी रही। मतगणना स्थल के आस-पास कानून-व्यवस्था की स्थिति बरकरार रहे- इसलिए वहां पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।