ग्वालियर। हरिद्वार से कांवड़ भरकर ग्वालियर आ रहे कांवड़ियों का एक दल यूपी के हाथरस में सड़क हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में पांच लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है और एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही एडीजी आगरा जोन और आइजी अलीगढ़ पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। इसके बाद दाेनाें घायलाें काे उपचार के लिए आगरा पहुंचाया गया। यहां उपचार के दाैरान एक गंभीर मरीज की माैत हाे गई। जिस डंपर ने कांवड़ियों को कुचला वो भी ग्वालियर के ठाकुर ट्रांसपोर्ट का बताया जा रहा है, पुलिस ने चालक प्रवेश को गिरफ्तार कर लिया है। डंपर गिट्टी सिकंदराराऊ में गिट्टी खाली कर वापस ग्वालियर लौट रहा था
उधर मृतकाें के शव उटीला पहुंचे ताे स्वजनाें का गुस्सा भड़क उठा। स्वजनाें ने शवाें काे बड़ागांव हाइवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया है। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी भी माैके पर पहुंच गए हैं।
उधर जाम के कारण दाेनाें तरफ वाहनाें की कतार लग गई है। मृतकाें के स्वजनाें ने 25-25 लाख की आर्थिक सहायता की मांग की है।
जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि यह सभी गंगाजल लेकर हरिद्वार से ग्वालियर जा रहे थे । घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। गंभीर रूप से घायल दो कावड़ियों को उपचार के लिए आगरा भेजा गया, जिसमें से एक घायल की माैत हाे गई। हादसे का शिकार सभी लाेग बांगि खुर्द थाना उटीला जिला ग्वालियर मध्य प्रदेश के निवासी हैं। घटना के बाद कांवड़ियाें में खासा आक्राेश है। घटना की जानकारी लगते ही स्वजन भी आगरा पहुंच गए हैं। पीएम के बाद शव स्वजनाें काे साैंप दिए गए हैं। खबर है कि अगले दाे घंटे में मृतकाें के शव ग्वालियर पहुंच जाएंगे
दरअसल सावन मास के साथ ही कांवड़ यात्रा का सिलसिला शुरू हो चुका है। श्रद्धालु भारी संख्या में भगवान शिव के अभिषेक के लिए कांवड़ भरने हरिद्वार पहुंच रहे हैं। ग्वालियर से भी कुछ कांवड़ियों की टोली हरिद्वार के लिए रवाना हुई थी, जाे गंगाजल लेकर वापस ग्वालियर की तरफ आ रही थी। कांवड़ियाें का दर रात 2.15 बजे यूपी के हाथरस में पहुंचा था, जहां पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने कांवड़ियों को कुचल दिया। मृतकाें में 40 वर्षीय नरेश, पुत्र रामनाथ, 40 वर्षीय रमेश, पुत्र नत्था सिंह, 25 वर्षीय रणवीर सिंह, पुत्र अमर सिंह, 30 वर्षीय जबर सिंह, पुत्र सुल्तान सिंह, 30 वर्षीय विकास पुत्र, प्रभु दयाल ( आगरा पहुंचने पर मृत्यु), एक की शिनाख्त नहीं हो सकी है, शामिल हैं।