ग्वालियर। आखिरकार हाईकोर्ट ने उस शिक्षक दंपति को तलाक लेने की अनुमति प्रदान कर दी है जो लंबे अरसे से इसके लिए लड़ रहे थे। कोर्ट में दोनों ने कहा कि उनके बीच अब प्रेम और भावनात्मक लगाव जैसी कोई भी चीज नहीं रही है ।इसलिए उनका अलग होना ही बेहतर है ।हाईकोर्ट ने तलाक की अनुमति देते हुए कहा कि छोटा बच्चा शिक्षक पत्नी के साथ रहेगा जबकि 3 बच्चे पिता के साथ रहेंगे। खास बात यह है कि इस युगल की शादी 2002 में हुई थी लेकिन दोनों की उम्र में 15 सालों का अंतर था।
हाईकोर्ट में यह मामला 2020 से चल रहा था। पति एक स्कूल संचालित करता था बाद में उसकी सरकारी नौकरी लग गई। शादी के बाद उसने पत्नी को भी बीएड कराया उसके बाद उसकी भी सरकारी स्कूल में नौकरी लग गई ।शादी के शुरुआती साल ठीक ठाक गुजरे लेकिन बाद में दोनों के बीच अनबन रहने लगी। 2011 में तलाक का मामला कोर्ट पहुंचा लेकिन तब समझाईश के कारण दोनों में समझौता हो गया। दो साल तक पति पत्नी साथ रहे लेकिन 2013 में पत्नी ने पति को छोड़ दिया।
पत्नी ने कुटुंब न्यायालय मुरैना में तलाक का आवेदन दिया लेकिन यह 2019 दिसंबर में खारिज हो गया। इस आदेश के खिलाफ पत्नी ने 2020 में अपील दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आपसी सहमति से अलग अलग होने की बात पर उन्हें तलाक लेने की अनुमति प्रदान कर दी