ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में आखिरकार गुना पुलिस 5 साल पहले लापता हुई लड़की के बारे में करंट स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी। लेकिन पुलिस की ओर से पेश हुए रेंज के आईजी डी श्रीनिवास राव ने अनुपालन रिपोर्ट पेश करते हुए कहा है कि पुलिस की कार्रवाई को और ज्यादा धार देने के लिए एक रोडमैप बनाया गया है जिससे इस तरह के लापता लोगों के बारे में विवेचना का तौर तरीका बदला जाए इसके तहत प्रधान आरक्षक और सहायक उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को अब निरंतर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसमें विवेचना के तौर तरीके एफएसएल की बारीकियां भी बताई जाएंगी ।कोर्ट ने एडीजीपी को यह भी सलाह दी है कि वे अपने पुलिसकर्मियों की मदद के लिए रिटायर्ड जज और मीडियेशन के लोगों से भी संपर्क करके उनकी मदद ले सकते हैं। फिलहाल हाईकोर्ट ने एक महीने का समय दिया है इस बीच गुना के आरोन थाना क्षेत्र के सिसरी गांव से लापता नाबालिक लड़की का पता लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अफसरों ने कहा है कि संबंधित आरोपियों जितेंद्र और सोनू का नारको टेस्ट कराने के लिए सेशन कोर्ट में आवेदन दिया गया है इस पर 28 अगस्त को सुनवाई होनी है। गौरतलब है कि गुना सिसरी गांव से 5 साल पहले एक नाबालिग लड़की गायब हुई थी जिसका आज तक पता नहीं चल सका है।
इस मामले में दो संदिग्ध आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा और पूछताछ के बाद छोड़ दिया। इनमें एक आरोपी ने लड़की के साथ दुष्कर्म करके उसकी लाश को स्टॉप डैम में फेंकने की बात कबूली थी लेकिन पुलिस को मौके से कुछ भी हासिल नहीं हुआ था। बाद में पुलिस ने इस आरोपी को भी छोड़ दिया। अब पिता अपनी लापता बेटी को खोजने के लिए न्यायालय के चक्कर लगा रहा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि पुलिस कर्मियों का ऐसा रोडमैप बनाया जाए जिसमें उन्हें लापता लोगों की तलाश के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।