ग्वालियर।ग्वालियर एसपी के पास एक मां पहुंची है जो दो महीने से अपने पांच साल के बेटे से मिलने के लिए तड़प रही है। दो महीने पहले पति उसके बेटे को मॉल घुमाने की कहकर ले गया फिर वापस ही नहीं लौटा। पति सेना में पदस्थ है और उसकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में है। महिला को पता लगा है कि पति ने बेटे को ग्वालियर के एक बोर्डिंग स्कूल में भर्ती करा दिया है। स्कूल में बच्चे को उसकी मां से खतरा बताया है। महिला स्कूल जाती है तो प्रबंधन मिलने नहीं देता है। पति महिला पर तलाक के लिए दबाव बना रहा है। अब पीड़ित मां ने पुलिस अफसरों से मदद की गुहार लगाई है। वह अपने बेटे से मिलना चाहती है। पुलिस अफसरों ने उसे मदद का आश्वासन दिया है और उसे फैमिली कोर्ट जाने की सलाह दी है।
ग्वालियर के टेकनपुर निवासी उमादेवी एसपी ऑफिस पहुंची है। उमा ने बताया है कि टेकनपुर स्थित BSF में पदस्थ कांस्टेबल निर्भय कुमार से उनकी शादी वर्ष 2013 में हुई थी। कुछ सालों तक दोनों के बीच सबकुछ ठीक चलता रहा फिर आए दिन दोनों में किसी ना किसी बात को लेकर झगड़े होने लगे। इसी बीच उसने एक बेटे को जन्म दिया। जिसका नाम प्रणय रखा है। पति जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर तैनात हैं। अभी दो महीने पहले 7 जून 2022 को महिला का पति निर्भय बच्चे को मॉल में घुमाने की कहकर घर से निकला फिर वह बेटे को वापस घर लेकर नहीं आया। पति ने बच्चे को ग्वालियर के शिवपुरी लिंक रोड स्थित भारतीय विद्या निकेतन स्कूल के बोर्डिंग हॉस्टल में एडमिशन करा दिया इसके बाद महिला का पति जम्मू कश्मीर चला गया। जब महिला को बच्चे के बारे में पता लगा कि वह ग्वालियर के बोर्डिंग स्कूल में है तो वह उससे मिलने पहुंची, स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चे की मां को बच्चे से नहीं मिलने दिया गया। बच्चे की मां का कहना है कि उसने जब इसके बारे में पति से बात की तो पति उसे तलाक देने की कहने लगा, जबकि उसके बच्चे से उसे जबरन दूर किया गया है। महिला को बच्चे के साथ अनहोनी की आशंका भी है इसलिए उन्होंने पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई बच्चे को उससे जल्द मिलवाया जाए।
एडिशनल एसपी मृगाखी डेका ने बताया कि 2 दिन पहले भी महिला हमारे पास आई थी और उसने शिकायत कर बताया था कि उसका पति उसके बच्चे से नहीं मिलने दे रहा है। उसके पति ने उसके बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में भर्ती करा दिया है। दोनों पति-पत्नी के बीच आपसी विवाद चल रहा है क्योंकि यह मामला हमारे विभाग का नहीं है। इस मामले में फैमिली कोर्ट की तय करेगा कि बच्चा किसके पास रहेगा। इसलिए महिला को फैमिली कोर्ट जाने की सलाह दी गई है