राशि। शनि का राशि परिवर्तन करीब ढाई साल में एक बार होता है। शनिदेव को अपना राशि चक्र पूरा करने में लगभग 30 साल का समय लगता है। इस समय शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में विराजमान है। मकर राशि में वे वक्री स्थिति में हैं। 12 जुलाई के दिन शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया था। वहीं 5 जून को वे वक्री अवस्था में आ गए थे। मकर राशि में शनि अक्टूबर महीने तक विराजमान रहेंगे। शनिदेव की इस स्थिति से सभी राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। तो आइए जानते हैं कि शनिदेव के मकर राशि में आने से किन राशियों पर इसका शुभ प्रभाव पड़ने वाला है।
वृषभ राशि – शनि के वक्री स्थिति में होने से वृषभ राशि वालों के लिए यह काफी लाभकारी साबित होने वाला है। इस राशि के जातक की आय में वृद्धि होगी। साथ ही करियर में तरक्की के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। वहीं अपना बिजनेस शुरू करने की इच्छा रखने वाले जातकों के लिए यह समय अनुकूल है। शनिदेव की विशेष कृपा होने से अटके हुए काम पूरे होंगे। सेहत में भी सुधार होगा।
धनु राशि – धनु राशि के जातकों को शनि की वक्री स्थिति में होने से काफी लाभ होने वाले हैं। इस समय अवधि में आपकी आर्थिक परेशानियां भी दूर होंगी। निवेश करने से भविष्य में अच्छा लाभ मिलेगा। लंबे समय से रुके हुए धन की प्राप्ति होगी। व्यापारियों के लिए यह समय काफी उत्तम होने वाला है।
मीन राशि – मीन राशि के जातकों के लिए शनि की वक्री स्थिति काफी लाभकारी साबित होने वाली है। साथ ही आय में वृद्धि होने की भी संभावना है। आर्थिक स्थिति में भी बड़ा सुधार हो सकता है। व्यापारियों के लिए यह समय काफी अनुकूल रहने वाला है। मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी। कहीं से धन लाभ होने की संभावना है।