इंदौर। बड़वाह के अस्पताल में पदस्थ एक डॉक्टर ने ससुराल में फांसी लगाकर जान दे दी। वे शनिवार को पत्नी और 13 माह की बेटी के साथ इंदौर आए थे। रविवार सुबह पत्नी ने उन्हें फंदे पर लटके देखा। बेटी ने अपने पिता को घटना की जानकारी दी और फिर पुलिस को बुलाया। पुलिस के मुताबिक अभी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उन्होंने इंदौर के रिहेब सेंटर में उपचार भी कराया था।
द्वारकापुरी टीआई सतीश द्विवेदी के मुताबिक घटना ग्रेटर वैशाली की है। यहां अनिल (35 वर्ष) पुत्र स्व. बाबूसिंह सोलंकी निवासी बड़वानी ने अपने ससुराल में फांसी लगाकर जान दे दी। पत्नी नंदिनी ने उन्हें सुबह फंदे पर लटके देखा था। नंदिनी ने अपने पिता माधवसिंह को जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक मौके पर कमरे से किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला है। अनिल की 2019 में शादी हुई थी। उनकी 13 माह की बेटी भी है। साला भी पेशे से डॉक्टर है ओर ससुर रिटायर्ड फूड ऑफिसर है।
पुलिस के मुताबिक डॉ. अनिल ने इंदौर के एक रिहेब सेंटर में उपचार कराया था। उनके पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। छोटा भाई भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पुलिस पूरे मामले में जांच कर रही है। पहले पुलिस द्वारा इनकी पोस्टिंग बड़वानी बताई जाती रही, लेकिन बाद में परिवार ने पुलिस को स्पष्ट किया कि वे खरगोन जिले के बड़वाह के सरकारी अस्पताल में पदस्थ थे।