भाेपाल । अलग–अलग स्थानाें पर सात मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। मानसून ट्रफ भी मध्यप्रदेश के रायसेन, सिवनी हाेकर गुजर रहा है। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में अति कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके मंगलवार काे अवदाब के क्षेत्र में परिवर्तित हाेकर आगे बढ़ने की संभावना है। जिसके असर से साेमवार से पूरे प्रदेश में वर्षा हाेने की संभावना है।
विशेषकर भाेपाल, जबलपुर एवं नर्मदापुरम संभागाें के जिलाें में कहीं–कहीं भारी वर्षा भी हाे सकती है। उधर रविवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सीधी में 50, मंडला में 17, उज्जैन में 14, ग्वालियर में 12.7, सतना में 10़ इंदौर में 9.2, नौगांव में नौ, रतलाम में पांच, मलाजखंड में पांच, खंडवा में पांच, छिंदवाड़ा में दाे, खजुराहाे में दाे, शिवपुरी में दाे, जबलपुर में 1.6, धार में एक, सागर में 0.6, गुना में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक विभिन्न स्थानाें पर बनी मौसम प्रणालियाें के कारण एक बार फिर रुक–रुककर वर्षा हाेने का सिलसिला शुरू हाे गया है। साेमवार से प्रदेश के अधिकतर जिलाें में वर्षा हाेने की संभावना है। वर्षा का सिलसिला चार–पांच दिन तक बना रहने के भी आसार है। ज्ञात हाे कि इस सीजन में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में कुल 553.9 मिमी. वर्षा हाे चुकी है। जाे अभी तक हाेने वाली सामान्य वर्षा (533.6 मिमी.) की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है। हालांकि अभी भी प्रदेश के 12 जिलाें में सामान्य से काफी कम वर्षा हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी के पश्चिम क्षेत्र में एक अति कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके मंगलवार तक अवबाद के क्षेत्र में परिवर्तित हाेकर आगे बढ़ने की संभावना है। मानसून ट्रफ जेसलमेर, काेटा, रायसेन, सिवनी, दुर्ग से हाेते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। पश्चिमी राजस्थान में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं पूर्व–मध्य अरब सागर में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद हैं। द क्षि णी महाराष्ट्र से उत्तरी केरल तट तक एक अपतटीय ट्रफ बना हुआ है। इसके अतिरिक्त मध्य पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षाेभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियाें के असर से वर्षा हाे रही है।