भोपाल। अलग-अलग स्थानाें पर पांच मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। मानसून ट्रफ भी मध्यप्रदेश में अपनी सामान्य स्थिति से काफी नीचे मौजूद है। बंगाल की खाड़ी में बना अवदाब का क्षेत्र मंगलवार दाेपहर काे अागे बढ़कर भुवनेश्वर तक आ गया है। जिसके चलते प्रदेश के कुछ जिलाें में झमाझम वर्षा हाे रही है। इसी क्रम में मंगलवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक भाेपाल (नया शहर) में 54.4 (लगभग दाे इंच), बैतूल में 42, भाेपाल (एयरपाेर्ट) में 17.6, छिंदवाड़ा में नौ, पचमढ़ी में पांच, नर्मदापुरम में 0.5 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञानियाेें के मुताबिक बुधवार काे भाेपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन संभागाें के जिलाें में भारी वर्षा हाेने की संभावना है। इस दौरान कहीं–कहीं अति वृष्टि भी हाे सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से लगातार मिल रही नमी से मप्र के अधिकतर जिलाें में रुक–रुककर वर्षा का सिलसिला जारी है। बंगाल की खाड़ी से अवदाब का क्षेत्र अागे बढ़ने लगा है। इस मौसम प्रणाली के बुधवार काे अौर अागे बढ़कर छत्तीसगढ़ में पहुंचने की संभावना है। जिसके चलते वर्षा की गतिविधियाें में और तेजी आने की संभावना है। कुछ जिलाें में अति वृष्टि हाेने की भी आशंका है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में अवदाब का क्षेत्र ओडिश के भुवनेश्वर एवं उसके आसपास बना हुआ है। मानसूून ट्रफ नलिया, अहमदाबाद, इंदौर, जबलपुर, रायपुर से हाेकर बंगाल की खाड़ी में बने अवदाब के क्षेत्र तक बना हुआ है। महाराष्ट्र से लगी मध्यप्रदेश की सीमा पर शियर जाेन बना हुआ है। दक्षि णी महाराष्ट्र तट से लेकर उत्तरी केरल तक एक अपतटीय ट्रफ बना हुआ है। अरब सागर में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। शुक्ला के मुताबिक इन मौसम प्रणालियाें के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से लगातार नमी मिलने के कारण राजधानी सहित प्रदेश के अधिकतर जिलाें में बुधवार, गुरुवार काे अच्छी वर्षा हाेने की संभावना है।