भोपाल। भाग्य व बुद्धि के कारक बुध का रविवार रात को सिंह से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश हो जाएगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध सबसे तेज गति से चलने वाला, युवा और ऊर्जावन ग्रह माना जाता है। बुध बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। यह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी भी है। पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि बुध एक अत्यंत शांत ग्रह है। यह मिथुन राशि और कन्या राशि का स्वामी होता है। भ्रमण काल के दौरान जब बुध कन्या राशि में आता है, तो उच्च का कहा जाता है। कन्या राशि 16 से 20 अंश तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है। बुध मिश्रित स्वभाव का ग्रह है। पापी ग्रह के साथ होने पर यह पापी हो जाता है। इसे हरा रंग का माना जाता है। गुरुजी ने बताया कि लाला रामस्वरूप पंचांग के अनुसार 20 अगस्त की रात 2.17 बजे से बुध का कन्या राशि में प्रवेश हो रहा है। इसी प्रकार पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार 20 अगस्त को ही 2.15 रात से कन्या राशि में बुध का प्रवेश होगा। भुवन विजय पंचांग के अनुसार 21 अगस्त को रात एक बजे के बाद बुध कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। भुवन विजय पंचांग के अनुसार ही बुध का प्रवेश माना जा रहा है।
प्राचीन वैदिक शास्त्र के अतिचारी बुध गोचर 2022 अनुसार सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति व कन्या में बुध शुक्र और शनि यह 7 ग्रह बुध राशि परिवर्तन माने गए हैं। राहु और केतु बुध का गोचर छाया ग्रह है। बुध ग्रह सूर्य का एक चक्कर 88 दिन में करते हैं। एक राशि में यह सामान्यत 21 दिन रहते हैं। अगर वे किसी राशि में 21 दिन से ज्यादा रहते हैं तो उनकों अतिचारी कहा जाता है। इस बार कन्या राशि में बुध अतिचारी रहेगा।
कन्या राशि में रहने के दौरान बुध 10 सितंबर की 7.18 रात्रि से वक्री हो जाएंगे। 2 अक्टूबर की 9.42 रात से मार्गी होंगे। इस प्रकार बुध के उच्च होने का असर 10 सितंबर से 2 अक्टूबर तक नहीं रहेगा। वक्री होने के कारण बुध का प्रभाव सामान्य प्रभाव के विपरीत होगा। अर्थात अगर सामान्य में बुध बहुत अच्छा कर रहे हैं तो वक्री होकर वे अच्छा नहीं कर पाएंगे। इस अवधि के दौरान 12 सितंबर को बुध ग्रह सूर्य के प्रभाव में आने के कारण अस्त हो जाएंगे। 29 सितंबर को उदय होंगे। इसके उपरांत 23 अक्टूबर को बुध पुन: अस्त होंगे तथा तुला राशि में जाकर उदय होंगे। अस्त होने की अवधि में बुध का किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं होगा।
इन राशियों पर यह पड़ेगा असर
मेष राशि: इस राशि के जातकों के लिए बुध उनके छठे भाव में रहेगा। बीमारियां समाप्त हो जाएंगी। पराक्रम में वृद्धि वृद्धि होगी। कचहरी के कार्यों में असफलता हो सकती है।
वृष राशि: इस बात की पूरी संभावना है कि 29 सितंबर से 23 अक्टूबर के बीच में आपके संतान को कुछ बहुत ही अच्छा प्राप्त हो। आपको भी धन की प्राप्ति होगी।
मिथुन राशि: आपके सुख में वृद्धि होगी। माताजी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपका भी स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। व्यापार अच्छा चलेगा।
कर्क राशि: भाइयों से आपके संबंध बहुत उत्तम होंगे। आपका भाग्य आपका साथ नहीं देगा।
सिंह राशि: धन आने का उत्तम योग है। दुर्घटनाओं से बचें। 2 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के बीच आपको अच्छा धन लाभ होना चाहिए।
कन्या राशि: आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। परंतु आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आपके अंदर क्रोध की मात्रा बढ़ सकती है। अगर आपकी जीवनसाथी पहले से फेफड़े या गले के रोग
तुला राशि: कचहरी के कार्य में सफलता मिल सकती है। भाग्य उत्तम होगा। शत्रु बनेंगे।
वृश्चिक राशि: अन आने का उत्तम योग है। 1 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के बीच में आपको धन की अच्छी प्राप्ति हो सकती है। संतान को कष्ट हो सकता है।
धनु राशि: अगर आप अधिकारी या कर्मचारी हैं तो आपके लिए कुछ अच्छा होगा। अगर प्रमोशन ड्यू है तो प्रमोशन हो सकता है। आपको अतिरिक्त कार्यभार मिल सकता है।
मकर राशि: इस अवधि में आपका भाग्य आपका बहुत अच्छा साथ देगा। शत्रुओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
कुंभ राशि: दुर्घटनाओं से आपके बचने की उम्मीद है। आपके संतान के लिए या अवधि अत्यंत उत्तम रहेगी। धन आने में बाधा है परंतु धन आएगा।
मीन राशि: अगर आप का विवाह नहीं हुआ है तो विवाह तय होने के बहुत उत्तम योग हैं। प्रेम संबंधों में वृद्धि होगी। व्यापार अत्यंत उत्तम चलेगा।