हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का खास महत्व है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने से पति की आयु लंबी होती है। साथ ही वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। महिलाएं करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं और चौथ माता की पूजा-अर्चना करती हैं। इस दिन रात्रि में चंद्रमा का दर्शन और अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं।
ये है करवा चौथ तारीख और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस बार यह व्रत 13 अक्टूबर, गुरुवार को रखा जाएगा। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05.54 मिनट से 07.03 बजे तक है। इस दिन चंद्रोदय का समय 08.10 मिनट है।
इस दिन भगवान शिवजी, देवी पार्वती, श्री गणेश और कार्तिकेय की पूजा करनी चाहिए। यह व्रत कार्तिक माह की चतुर्थी को मनाया जाता है। चंद्रमा दिखने के बाद महिलाएं छलनी में दीपक रखकर चांद का दीदार करती हैं। फिर छलनी से पति को देखकर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ व्रत का आरंभ सूर्योदय के समय से करें। स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। हाथ में गंगाजल लेकर देवी-देवताओं का ध्यान करें। जल को किसी गमले में डाल दें। पूरे दिन निर्जला व्रत रखें। शाम को भगवान की पूजा करें। उन्हें रोली, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य आदि अर्पित करें। करवा चौथ व्रत की कथा का पाठ करें। चंद्रमा के उदय होने पर अर्घ्य दें। पति की आरती उतारें। इसके बाद जल ग्रहण करें।