शहडोल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार की सुबह अपने निवास से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शहडोल ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ज़िले के विकास कार्यों और संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रभारी मंत्री राम खेलावन पटेल, विधायक जयसिंहनगर जयसिंह मरावी, विधायक जैतपुर मनीषा सिंह, कलेक्टर वंदना वैद्य, पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक, अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हिमांशु चंद्र, वन मंडलाधिकारी उत्तर वन मंडल गौरव चौधरी सहित जिले के अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसमस्याओं के निराकरण में त्वरित कार्रवाई की जाए। सीएम हेल्पलाइन में लगातार शिकायतें आती हैं, जिसमें कहीं ना कहीं अधिकारियों की लापरवाही उजागर होती है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से कहा कि जनप्रतिनिधियों के द्वारा जो समस्याएं व शिकायतें बताई जाती हैं उनका निराकरण समाधानपूर्वक होना चाहिए। लोगों की बुनियादी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से होना चाहिए। सीएम हेल्पलाइन के मामलों के निराकरण में लेटलतीफी को लेकर भी सीएम ने नाराजगी जताई और अधिकारियों से कहा कि इस ओर ध्यान दें। मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ चर्चा करते हुए अधिकारियों को सीधे टारगेट किया और हिदायत दिया कि विकास कार्यों में किसी भी तरह की हीला हवाली नहीं होनी चाहिए।
शहडोल।मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिले के विकासकार्यों और संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान सीएम ने जिले के ओडीओपी की तारीफ की। एक्जक्यूटिव इंजीनियर को लगाई फटकार, शाम तक रिपोर्ट मांगी। डायलेसिस सेवा के लिए बधाई दिया। 300 से अधिक मरीजों को लाभ दिया है, पहले स्थान पर जिला है। जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन की सही जानकारी न दे पाने पर नाराज हुए। पीएम आवास शहरी के आवंटित मकान समय सीमा में पूरे न होने पर नाराजगी जताई। शहडोल की मुख्य सड़कों की खराब हालत पर नाराजगी जताई।सीवरेज के समय से गड्ढे न भरने पर हुए नाराजगी जताई। बार बार ट्रांसफार्मर जलने की शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए बिजली के खम्बो और तार को दुरूस्त करने में हो रही देरी पर फटकार लगाई। मातृ व शिशु मृत्यू दर पर भी चिंता जताई।
जिस काम के लिए जो समय पर किया गया है उसके हिसाब से ही होना चाहिए। काम ऐसा हो कि किसी भी व्यक्ति को सरकार से शिकायत करने का मौका ना मिले। मालूम हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की बैठक को लेकर सोमवार की सुबह से अधिकारी कलेक्ट्रेट में पहुंच गए और हलचल शुरू हो गई थी। हालांकि, इस बैठक अधिकारियों के अलावा कोई अंदर नहीं जा सका, लेकिन एक घंटे तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक बिंदु पर विस्तार से चर्चा की और जानकारी प्राप्त की।