इंदौर। इंदौर में एसडीएम बनकर व्यापारियों से रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार महिला नीलम पाराशर शातिर जालसाज निकली। 21 जून 2022 को भोपाल की मिसरोद पुलिस ने उसे तब पकड़ा था, जब वो शादी समारोह में शामिल होने आए राज्यपाल मंगूभाई पटेल के आसपास घूमकर अपना भौकाल (रुतबा) जमा रही थी। पुलिस ने नीलम का रसूख देखकर उसे तो छोड़ दिया, लेकिन वहां मौजूद नकली पुलिसकर्मी को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया। बाद में जांच के दौरान नीलम को आरोपी बनाया गया, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई।
मिसरोद थाना प्रभारी राम बिहारी शर्मा अब दलील दे रहे हैं कि गिरफ्तारी की धाराएं नहीं लगी थीं, इसलिए महिला को नोटिस दिया था। कोर्ट से महिला अपनी कार भी ले चुकी है, जिसे पुलिस ने बरामद किया था। कार पर एसडीएम लिखा हुआ था। मिसरोद पुलिस की इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि महिला बेखौफ होकर खुद को एसडीएम बताते हुए ठगती रही। बिना नंबर की लग्जरी गाड़ी से चलती है। नौकरों को पुलिस की वर्दी पहना देती है। ऐसे कार्यक्रमों में बिना बुलावे पहुंच जाती है, जहां वीआईपी लोगों के पहुंचने की जानकारी होती है।
बता दें, गुरुवार को इंदौर क्राइम ब्रांच ने नीलम पाराशर (40) को गिरफ्तार किया है। वह खुद को देपालपुर इलाके की एसडीएम बता गौतमपुरा के एक व्यापारी से रंगदारी मांग रही थी। उसने महिला बाल विकास और पीडब्ल्यूडी जैसे विभागों में भी नियुक्ति के नाम पर लोगों से रुपए ऐंठे हैं। उसके पास राज्यपाल मंगू भाई के साइन वाला नियुक्ति पत्र भी मिला है। इसमें खुद के ट्रांसफर की बात कही गई थी।
आपको बात दे 21 जून 2022 को नीलम पाराशर मिसरोद इलाके के वृंदावन गार्डन में आयोजित शादी समारोह में पहुंची थी। उसी में राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल को भी आमंत्रित किया गया था। राज्यपाल जब शादी समारोह में पहुंचे तो फर्जी एसडीएम की पोल खुल गई। उसके साथ मौजूद नकली पुलिसकर्मी को असली पुलिसवालों ने पकड़ लिया। फर्जी एसडीएम भी धरी गई। आखिर रिश्तेदार ने बीच-बचाव और आग्रह करके फर्जी एसडीएम को तुरंत गिरफ्तार होने से बचा लिया, लेकिन पुलिस ने नकली पुलिस बने उसके सहयोगी सोहित कुमार के खिलाफ कार पर एसडीएम लिखवाने और पुलिस का फर्जी आईडी कार्ड के मामले में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।