भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक उज्जैन में होने जा रही है। यहां सीएम पीएम मोदी के आगामी कॉरिडोर लोकार्पण दौरे की तैयारियों की समीक्षा और मंत्रियों जिम्मेदारी पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल की नगरी उज्जैन आएंगे। यहां प्रधानमंत्री विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के भव्य नवनिर्मित कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद कॉरिडोर को आम श्रद्धालुओं क लिए खोल दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के उज्जैन आने को लेकर तैयारियों तेजी से की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 27 सितंबर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक उज्जैन में होगी। गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आज बाबा महाकल की नगरी उज्जैन में आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग होगी। अद्भुत और अलौकिक है कि महाकाल का रेड और देश का सबसे बड़ा तीर्थ और कॉरिडोर बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर के प्रथम चरण के शुभारंभ के लिए उज्जैन पधार रहे है। आज कैबिनेट में प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों के संबंध में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की आराधना का पावन पर्व नवरात्रि हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं। गरबा महोत्सव शांति और सौहार्द पूर्ण मनें इसलिए आयोजनकर्ता आईडी कार्ड देखकर ही गरबा पंडालों में एंट्री दें।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा होगा। काशी विश्वनाथ कॉरीडोर 5 हेक्टेयर में फैला है। महाकाल कॉरिडोर पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे विकसित किया जा रहा है। यहां भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए हैं। श्रद्धालु हर एक भित्ति चित्र की कथा इस पर स्कैन कर सुन सकेंगे। सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है। एमएम
महाकाल मंदिर विस्तारीकरण प्रोजेक्ट का काम करीब 750 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसके तहत पहले चरण में महाकाल पथ, रूद्र सागर का सौंदर्यीकरण, विश्राम धाम आदि काम पूरे किए जा चुके हैं। विस्तारीकरण के कामों के बीच हाल ही में महाकाल पथ श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। त्रिवेणी संग्रालय के पास से महाकाल पथ का बड़ा द्वार बनाया गया है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर के सामने का मार्ग 70 मीटर चौड़ा हो गया है। महाकाल मंदिर चौराहे तक का मार्ग 24 मीटर चौड़ा किया जाएगा। विस्तारीकरण के बाद महाकाल मंदिर का क्षेत्र 2.2 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर से अधिक हो गया है।