भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवराज सरकार अपनी ओर से कोई भी कमी नहीं रखना चाहती। इसीलिए वह एक के बाद एक धुआंधार फैसले लेते जा रही है। सरकार दीपावली के पहले राज्य कर्मचारियों-अधिकारियों को अर्से से लंबित प्रमोशन का गिफ्ट देने की तैयारी कर रही है।
मध्यप्रदेश में छह साल से प्रमोशन की आशा लगाए कई कर्मचारी रिटायर हो गए हैं। मगर जो नहीं रिटायर हुए हैं, उनके लिए बड़ी खुशखबरी आई है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवराज सरकार ने कर्मचारियों को प्रमोशन देने का रास्ता निकाल लिया है। दीपावली पर ऐसे कर्मचारियों को तोहफा देने की तैयारी है। पदोन्नति को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वरिष्ठ सचिवों की पहले दौर की बैठक हो चुकी है। दूसरे दौर की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदेश दौरे के तुरंत बाद होगी। इसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा
पहले विधि विभाग ने जीएडी के प्रमोशन के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति लगाकर लाखों अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन के सपने पर पानी फेर दिया था। विधि विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों का हवाला देते हुए जीएडी के प्रस्ताव पर सवालिया निशान लगाए थे। इसके बाद जीएडी ने कानून विभाग की आपत्तियों का निराकरण कर नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर दोबारा विभाग को भेजा गया था, जिसे मंजूरी दे दी गई। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि दीपावली से पहले नए पदोन्नति नियम लागू हो सकते हैं, ये नियम तब तक लागू रहेंगे, जब तक प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला नहीं आ जाता।
तीन साल के बाद खत्म होंगे प्रमोशन के पद
विधि विभाग की आपत्ति के बाद जीएडी ने प्रस्तावित नए नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। प्रमोशन में बैकलॉग खत्म करना होगा। अब एससी-एसटी के अधिकारियों को प्रमोशन के लिए केवल तीन साल तक बैकलॉग पदों का लाभ मिलेगा। इस अवधि में पदोन्नति के लिए अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलते तो ये पद खुद खत्म हो जाएंगे। विधि विभाग का कहना है कि एससी-एसटी को पदोन्नत करने के नाम पर इन पदों को अनिश्चितकाल के लिए खाली नहीं रखा जा सकता। इसके बाद जीएडी ने इसकी समयसीमा तीन साल तय की है।
प्रस्तावित नए नियमों में जीएडी ने साफ किया है कि हर साल जनवरी में पदोन्नति समिति की बैठक के पहले सीनियर अफसरों की समिति एक फार्मूले के तहत एससी- एसटी के प्रमोशन का आरक्षण तय करेगी। विधि मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है, विभाग ने राय दे दी है। अधिकारियों के सामने पदोन्नति में आरक्षण के नियमों पर चर्चा होगी। समिति के अनुमोदन को कैबिनेट में लाया जाएगा