उज्जैन। ‘महाकाल लोक’ में श्रद्धालुओं को प्रवेश, लोकार्पण के अगले दिन 12 अक्टूबर को मिलेगा। लोकार्पण वाले दिन आमजन का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। केवल सूचीबद्ध मेहमान और कलाकार ही प्रवेश पा सकेंगे। ‘महाकाल लोक’ में निगरानी के लिए 400 कैमरे और आराम के लिए 200 से ज्यादा कुर्सियां लगाईं गई हैं। दिव्यांग एवं बुजुर्गों की सहायता के लिए परिसर में बैटरी चलित गाड़ियां रखी गई हैं। परिसर में पार्किंग, पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था भी की है।
ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र ‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण में नृत्य, गायन, वादन से जुड़े कलाकार तीन मंचों से प्रस्तुति देंगे। एक मंच कार्तिक मेला मैदान पर बनाया जा रहा है। दूसरा मंच महाकाल लोक के मुख्य द्वार के सामने और तीसरा मंच मान सरोवर (फेसिलिटी सेंटर) भवन के ठीक सामने बन रहा है। इलेक्ट्रिशियन ने शनिवार को ट्रस्ट और लाइट बांधने का काम शुरू कर दिया है। उज्जैन-इंदौर के नृत्य कलाकारों ने भी अभ्यास शुरू कर दिया।
मालूम हो कि ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाएगा। समारोह को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए शासन, प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने ताकत झोंक दी है। महाकाल
लोक परिसर और प्रधानमंत्री जिन सड़क मार्गों से गुजरेंगे, उन मार्गों को सजाया जा रहा है। समारोह में नृत्य, गायन, वादन की प्रस्तुति देने वाले कालाकारों ने अभ्यास शुरू कर दिया है। शनिवार को 100 से अधिक नृत्य कलाकारों का एक दल महाकाल लोक में शिव स्तंभ के नजदीक अभ्यास करता नजर आया। कुछ कलाकार मंच बनाने को ट्रस्ट खड़ा करते और आकर्षक लाइट लगाते नजर आए। कुछ कलाकार हाथों में बांधे जाने वाले पचरंगी सूती धागे से नंदी द्वार के नीचे आकर्षक कलाकृति बनाते नजर आए। कलाकारों ने नईदुनिया से कहा कि पूरा परिसर मालवी लोक संस्कृति अनुरूप सजाना है। काफी काम कर लिया गया है। दो दिनों में नजारा यहां का बेहद खूबसूरत होगा। परिसर में कई जगह रंगोली सजाई जाएगी। दिन के मुकाबले रात का नजारा यहां देखने लायक होगा।