भोपाल। एमपी पुलिस ने पहली बार एक अनोखी पहल की है। महिला थाने में पदस्थ गर्भवती एसआई करिश्मा राजावत काे हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक गोद भराई की रस्म के बाद उसे चाइल्ड लीव पर भेजा। गोद भराई के लिए थाने को गुब्बारों और फूलों से सजाया गया। वो ग्वालियर की रहने वाली है। इसके पहले अन्य महिला पुलिसकर्मियों की कोरोना संक्रमण में चेन्नई और छत्तीसगढ़ के थाने में गोद भराई रस्म हो चुकी हैं। एसआई करिश्मा का आठवां माह है। इस माह में गर्भवती महिला किसी भी तरह की यात्रा नहीं कर सकती। इसको देखते हुए करिश्मा ने टीआई अनीता धुर्वे को चाइल्ड लीव का आवेदन दिया। उन्होंने इसे मंजूरी दे दी। साथ ही संवेदनशीलता का परिचय देते हुए महिला थाने में गोद भराई रस्म भी कराई।
यहां अपनी शिकायत लेकर पहुंचने वाले पीड़ित भी रस्म में शामिल हुए। एक घंटे चले कार्यक्रम में पूरा स्टाफ करिश्मा का मायका बन गया। एसआई अनीता रघुवंशी ने मां बनकर उसकी गोद भराई की रस्म शुरू की। आरक्षक प्रदीप शर्मा ने भाई बनकर फल-फ्रूट से गोद भरकर रस्म पूरी की। स्टाफ में शामिल 25 महिला कर्मचारियों ने बहन, सहेली और अन्य रिश्तेदार की भूमिका निभाई। 13 पुरुषों ने मायके वाले बनकर अपना दायित्व पूरा किया। वे कुछ पल के लिए भूल गईं थाने में नहीं, मायके में हैं- एसआई करिश्मा ने कहा कि वे कुछ पल के लिए थाने को भूल गई थीं। उन्हें लगा कि वे मायके में हैं। उनका शानदार वेलकम हुआ। टीआई अनीता धुर्वे ने हाथ पकड़कर वैसे ही प्रवेश कराया है, जैसे मायके में बहनें कराती हैं।
सेमिनार उड़ान का असर -महिला पुलिस अफसरों ने कहा कि अप्रैल 2022 को हुए वर्टिकल इंटरएक्शन सेमिनार उड़ान में आए सुझावों को गंभीरता से लिया जा रहा है। महिला पुलिसकर्मियों को लीव पर जाने के पहले कई बार सोचना पड़ता था। उन्हें परिवार, ड्यूटी व लीव मंजूर कराने तनाव से गुजरना पड़ता था। पुलिस में ड्यूटी करने वाले अधिकारी संवेदनशील है। पुलिस कर्मचारी अपना ज्यादा वक्त थाने में गुजारते है। उनकी खुशियां और दु:ख में पुलिस परिवार उनके साथ है। गोद भराई की रस्म अनोखी पहल का हिस्सा है। जो यह दिखाती है कि पुलिस प्रशासन अधीनस्थ स्टॉफ के साथ है।