ग्वालियर। ग्वालियर में सड़कों को लेकर राजनीति खत्म होती नजर नहीं आ रही है। दो दिन पहले सिंधिया समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शहर की तीन प्रमुख सड़कों को लेकर जूते-चप्पल त्याग दिए थे। इस पर विपक्षी दलों ने उनको घेरा था और जूते की जगह पद त्यागने की बात कही थी। पर ऊर्जा मंत्री तोमर अपने इसी अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं। रविवार सुबह वह भोपाल से लौटते ही घर न जाते हुए सीधे लक्ष्मण तलैया, गेंडेवाली सड़क व सेवा नगर की सड़कों पर निरीक्षण करने पहुंच गए। यहां उन्होंने पांच दिवसीय दीवाली उत्सव की लोगाें को शुभकामनाएं दीं। यहां लोगों ने सुबह-सुबह मंत्रीजी को देखते ही अपनी समस्याएं गिनाना भी शुरू कर दी। यहां ऊर्जा मंत्री तोमर ने लोगों को आश्वासन दिया है कि जल्द सड़क बनेगी।
मध्य प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के खास प्रद्युम्न सिंह तोमर हमेशा से अपने अलग अंदाज के लिए चर्चा में रहते हैं। कभी वह स्कूल की टॉयलेट सफाई करने खुद उतर पड़ते हैं तो कभी शमशान घाट पर सफाई अभियान चलाते हैं। ऐसा ही नहीं वह नाला में सफाई के लिए उतर चुके हैं। इस बार सिंधिया समर्थक यह मंत्री सड़कों के लिए जूते-चप्पल त्यागने के लिए पूरे प्रदेश में चर्चा बने हुए हैं। असल में दो दिन पहले शिवराज सरकार के यह मंत्री अपनी विधानसभा में सड़कों का निरीक्षण कर रहे थे। वह लक्ष्मण तलैया, गेंडेवाली सड़क व जेएएच रोड का निरीक्षण करने पहुंचे थे। जब वह निरीक्षण कर रहे थे तो लोगों ने उन्हें सड़कों से मिलने वाले दर्द को बताया था। जिसके बाद ऊर्जा मंत्री तोमर ने क्षेत्र के लोगों से सबसे पहले सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी कि वह सड़क नहीं बनवा पाए इसलिए माफी मांगते हैं। इसके बाद उन्होंने तय किया कि जब तक यह तीनों सड़कें नहीं बन जाएंगी वह खुद भी बिना जूते-चप्पल के चलेंगे। इसके बाद पूरे प्रदेश में उसकी चर्चा होने लगी। कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया कि यह ऊर्जा मंत्री की असफलता ही है कि अपनी सरकार होने के बाद भी वह सड़क नहीं बनवा पा रहे हैं। न सरकार उनकी सुन रही है न अधिकारी। इसलिए अब वह जूते नहीं बल्कि पद छोड़ दें। इस तरह की नौटंकी से अब वह जनता को मुर्ख नहीं बना सकते।
सड़कों पर मंत्री ने जूते तो छोड़ दिए, लेकिन उनसे गलती हो गई। यह बात उनको तब समझ में आई जब स्मार्ट सिटी के सुप्रीडेंट इंजीनियर ने बताया कि सड़क बनाने में लगभग 3 महीने का समय लगेगा। इसके बाद ऊर्जा मंत्री सीधे भोपाल रवाना हो गए थे। रविवार सुबह वह भोपाल से लौटे तो घर न जाते हुए इन तीनों सड़कों पर दो दिन में हुए काम को देखने पहुंच गए। यहां उन्होंने क्षेत्र की जनता से मुलाकात की और उनकी समस्याएं भी सुनी।