भोपाल। मध्य प्रदेश में 15 नवंबर जनजातीय गौरव दिवस से मध्य प्रदेश पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम (पेसा) के अंतर्गत बनाए गए नियम लागू होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राजस्थान के मानगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में की। अधिनियम लागू होने के बाद 89 आदिवासी विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्रामसभा की अनुमति के बिना न तो नई शराब दुकानें नहीं खोली जा सकेंगी और न ही खनन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। मध्य प्रदेश इस अवसर पर जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिए पेसा अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियम लागू करने जा रहा है। भीमा नायक, टंट्या मामा, रघुनाथ शाह-शंकर शाह जैसे जनजातीय नायकों की स्मृति में स्मारक बनाने का काम किया है।
स्वतंत्रता संग्राम के कई बलिदानी ऐसे थे, जिनका बलिदान सामने नहीं आ पाया। मानगढ़ में गोविंद गुरू ने अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अंग्रेजों की चुनौती को स्वीकार किया और डेढ़ हजार से अधिक वीरों ने बलिदान दिया। प्रधानमंत्री का बलिदान स्थल पर स्मारक बनाने का निर्णय अभिनंदनीय है। मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में जनजातीय भाई-बहन मानगढ़ धाम को प्रणाम करने आए हैं और इस बलिदानी माटी को अपने गांव भी ले जाएं।
आबकारी विभाग को अनुसूचित क्षेत्रों में शराब की नई दुकान खोलने के प्रस्ताव ग्रामसभा को देना होगा। यदि ग्रामसभा सर्वसम्मति से प्रस्ताव को अस्वीकार कर देती है तो फिर दुकान नहीं खुलेगी। धन उधार देने के लिए पंजीकृत व्यक्ति की सूचना ग्राम पंचायत को देनी होगी। साथ ही साहूकार को अनुविभागीय अधिकारी को प्रत्येक तिमाही में यह बताना होगा कि उसने किसे कितनी राशि उधार दी और कितनी चुकाई गई। ग्रामसभा को शैक्षणिक संस्था, छात्रावास, आंगनबाड़ी का निरीक्षण करने का अधिकार रहेगा।