ग्वालियर। साल 2022 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। साल का आखरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 पूर्णिमा तिथि को शाम 5:25 से प्रारंभ होगा और शाम 7:27 तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. रवि शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक का समय ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है। यह चंद्रग्रहण भारत समेत कई जगह पर दिखाई देगा इसलिए चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में भी मान्य होगा साल का अंतिम चंद्रग्रहण भारत समेत कई एशियाई देशों दक्षिण पूर्वी यूरोप ऑस्ट्रेलिया उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका पेसिफिक महासागर हिंद महासागर में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण एक भौगोलिक घटना है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रग्रहण होता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसका अत्यधिक महत्व है दिनांक 8 नवंबर 2022 को देव दिवाली का पर्व मनाया जाएगा लेकिन चंद्रग्रहण के कारण देव दिवाली 1 दिन पूर्व यानी 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी।
सूतक काल ग्रहण का सूतक काल सुबह 9:21 प्रारंभ हो जाएगा और शाम 6:18 पर खत्म हो जाएगा चंद्र ग्रहण में सूतक काल 3:00 प्रहर पूर्व होता है । चन्द्रग्रहण के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर से सेहत का ध्यान रखना चाहिए सूतक काल में मंदिरों में पूजा पाठ नहीं होगा मंदिरों के पट बंद रहेंगे सूतक काल अशुभ माना जाता है। यह ग्रहण से पूर्व लगता है व ग्रहण समाप्ति पर खत्म हो जाता है। इसलिए सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यह चंद्र ग्रहण मेष राशि एवं भरणी नक्षत्र में पड़ रहा है। इसलिए मेष वृष मिथुन कन्या तुला एवं वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष सावधानी की आवश्यकता है। इन राशियों के जातकों को स्वास्थ्य, कैरियर, आर्थिक स्थिति मे उतार चढाव देखने को मिलेगा। मेष राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता क्योंकि ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र मे पड़ रहा है।