भोपाल। वैसे तो भाजपा अपने दिग्गज नेताओं को जाति या समाज के चेहरे के रूप में पेश नहीं करती, लेकिन जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उपयोग करने में भी पीछे नहीं रहती। ऐसे ही एक ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) चेहरे का भाजपा में प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यूं तो देश की सियासत में मामा के नाम से लोकप्रिय हैं, लेकिन ओबीसी मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा में राष्ट्रीय स्तर पर उनका कद लगातार बढ़ा रहा है। बीते दिनों कर्नाटक में आयोजित पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन में उनकी उपस्थिति और भाषण चर्चा में रहे, हिमाचल प्रदेश में उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया है।
वहीं गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भी बतौर स्टार प्रचारक वे चुनाव प्रचार करेंगे। इससे पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित विभिन्न् राज्यों में स्टार प्रचारक के रूप में वह पार्टी के लिए समय रोड शो आदि कर चुके हैं। बीते दिनों राजस्थान के मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा) में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम में शिवराज न सिर्फ शामिल हुए, बल्कि भाषण भी दिया।
दरअसल, पहले भी शिवराज दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार में शामिल होते रहे हैं, साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में आमंत्रित रहे हैं, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बढ़ते दौरों के बीच शिवराज की राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति के खास मायने निकाले जा रहे हैं। भाजपा देश में अपना वोट शेयर 51 प्रतिशत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर से लेकर स्थानीय स्तर पर प्रयास कर रही है। शिवराज की छवि सफलतम मुख्यमंत्री के साथ किसानों, बेटियों, बुजुर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं से बदलाव लाने की है, इसके अलावा ओबीसी का बड़ा चेहरा भी माने जाते हैं। ऐसे में उनकी राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती भूमिका से पार्टी की तरफ कई वर्गों का रूझान बढ़ेगा।