भोपाल। मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी एक साल का समय बचा है। इसके साथ ही बीजेपी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। चुनावी साल में शिवराज भी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते है। जिसे लेकर चर्चा तेज हो गई है। प्रदेश में गुजरात चुनाव के बाद बदलाव होने की अटकलें लगाई जा रही है। इसमें कई नए चेहरों को मौका मिलने तो नॉन परफॉर्मिंग मंत्रियों के टिकट कटने की बात कहीं जा रही है। इसमें सिंधिया कोटे क मंत्री भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 25 और 26 नवंबर को मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसमें राज्य और केंद्र की योजनाओं की स्थिति भी देखी जाएगी। शिवराज का मंत्रियों के साथ मंथन प्रशासन अकादमी में होगा। इसके लिए विभाग प्रमुखों को रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।
शिवराज कैबिनेट में अधिकतम सदस्यों की संख्या 35 हो सकती है, लेकिन अभी मुख्यमंत्री को मिलाकर 31 सदस्य ही है। ऐसे में चुनाव से पहले जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए चार मंत्रियों के पद भरने और मंत्रियों के विभाग में फेरबदल किया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व से भी बदलाव को लेकर अनुमति मिल गई है।
शिवराज सिंह चुनावी साल में अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करते है। अभी सरकार का फोकस आदिवासी वोटरों को साधने पर है। साथ ही मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय असंतुलन को भी ठीक करना है। ऐसे में सरकार जोबट में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई सुलोचना रावत और विंध्य-महाकौशल में क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए राजेंद्र शुक्ला, शरदेंदु तिवारी, संजय पाठक को मौका दे सकती है। इसके अलावा पूर्व मंत्रियों को भी शामिल कर उनकी नाराजगी दूर करने की रणनीति के अनुसार काम करेंगी।
शिवराज कैबिनेट में अभी सिंधिया कोटे से 6 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री हैं। ऐसे में चर्चा है कि बीजेपी कोर कमेटी के पास कुछ मंत्रियों की शिकायतें भी पहुंची है। आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी विपक्ष को किसी प्रकार को कोई मुद्दा नहीं देना चाहती। वहीं, कुछ मंत्रियों की परफॉर्मेंस भी ठीक नहीं है। ऐसे में उनको हटा कर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
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