इंदौर। स्कूलों में त्रिमासिक परीक्षाएं समय पर नहीं होने से दसवी-बारहवीं की अर्धवार्षिक परीक्षाएं प्रभावित हुई हैं। नवंबर में होने वाली परीक्षाएं इस बार दो महीने पिछड़ चुकी है। अब जनवरी पहले सप्ताह से पेपर रखे जाएंगे। परीक्षाओं का शेड्यूल बिगड़ने से शिक्षा विभाग ने पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षा नहीं करवाने का फैसला लिया है। मगर बोर्ड परीक्षा में बैठने वालों की तैयारियां का स्तर अर्धवार्षिक परीक्षा के माध्यम से पता लगाएंगे, क्योंकि इन परीक्षाओं में 90 फीसद सिलेबस पूछा जाएगा। उसके आधार पर परीक्षा में प्रश्न आएंगे।
दरअसल स्कूलों की मान्यता और विवाद निपटाने में विभाग को समय लगा। यहां तक स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया भी देरी से हुई। इसके कारण 2022-23 सत्र की त्रिमासिक परीक्षाएं अक्टूबर में संपन्न हुई है। नियमानुसार तीन महीने के भीतर अर्धवार्षिक परीक्षा करवाना होती है। परीक्षा शेड्यूल प्रभावित होने से विभाग को प्री-बोर्ड करवाने को लेकर दिक्कतें खड़ी हुई। अधिकारियों ने मंथन करने के बाद फैसला लिया कि प्री-बोर्ड के लिए समय नहीं बचा है।इसके चलते अर्धवार्षिक परीक्षा को थोड़ा लेट करवाकर अधिकांश सिलेबस पूछने पर जोर दिया। सहमति बनने के बाद जनवरी में अर्धवार्षिक परीक्षा का शेड्यूल निकाला है।
इस बीच नवंबर में स्कूलों को 90 प्रतिशत सिलेबस पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अब सरकारी और निजी स्कूलों में इन दिनों 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों का सिलेबस पूरा करवाया जा रहा है। 20-25 दिसंबर तक का समय रखा है। ताकि विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारियों के लिए थोड़ा समय मिल सके, क्योंकि एक से 20 जनवरी तक दसवीं और दो से 21 जनवरी तक बाहरवीं की अर्धवार्षिक परीक्षाएं होगी। अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नरेंद्र जैन का कहना है कि प्री बोर्ड नहीं होगी। विद्यार्थियों की तैयारियों अर्धवार्षिक परीक्षा में करवाएंगे। इसके लिए स्कूलों को अधिकांश सिलेबस पूरा करवाने के निर्देश दिए है।
Recent Comments