भोपाल। सरपंचों का मानदेय बढ़ाने के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों को मानदेय में वृद्धि का तोहफा दे सकते हैं। वे सोमवार को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोेजित नगरीय निकायों के निर्वाचन प्रतिनिधियों के पहले राज्य स्तरीय सम्मेलन में इसकी घोेषणा कर सकते हैं।नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय निकायों में महापौर का मानदेय 20 हजार रुपये प्रतिमाह और पांच हजार रुपये भत्ता, अध्यक्ष का मानदेय 15 हजार रुपये प्रतिमाह और चार हजार रुपये भत्ता, पार्षद का मानदेय 10 हजार रुपये करना प्रस्तावित किया है। सम्मेलन में जनप्रतिनिधियों को विभिन्न् योजनाओं के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम (पार्षदों को पारिश्रमिक तथा भत्ते) नियम 1995 और मध्य प्रदेश नगर पालिका (पार्षदों को पारिश्रमिक तथा भत्ते) नियम 1995 में संशोधन प्रस्तावित है। इसमें दस लाख से कम आबादी वाले नगर निगम के महापौर का मानदेय 15 हजार और अध्यक्षों का 12 हजार रुपये होगा। इसी तरह पार्षदों को छह हजार की जगह आठ हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। निगम तथा उसकी समितियों की बैठकों में भाग लेने के लिए महापौर, अध्यक्ष व पार्षदों को पांच सौ रुपये प्रति बैठक की दर से दैनिक भत्ता दिया जाएगा। नगर पालिका अध्यक्ष का मानदेय तीन हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये और सत्कार भत्ता एक हजार 800 रुपये के स्थान पर ढाई हजार रुपये प्रस्तावित है।
उपाध्यक्ष को दो हजार रुपये की जगह चार हजार रुपये मानदेय और सत्कार भत्ता आठ सौ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। पार्षद को एक हजार 800 रुपये के स्थान पर तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। प्रति बैठक भत्ता 195 रुपये के स्थान पर तीन सौ रुपये होगा, जो प्रतिमाह 900 रुपये से अधिक नहीं होगा। इसी तरह नगर परिषद के अध्यक्ष का मानदेय दो हजार 400 रुपये से बढ़ाकर साढ़े तीन किया जाएगा। इन्हें सत्कार भत्ता प्रतिमाह साढ़े चार हजार रुपये देने का प्रस्ताव है। उपाध्यक्ष का वेतन तीन हजार रुपये मानदेय और सत्कार भत्ता एक हजार 200 रुपये दिया जाएगा। पार्षदों को दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा।