देश। Bisexual, ये शब्द सुनते ही दिमाग में ख्याल आता है जैसे ये कुछ गलत चीज के बारे में बात हो रही है। आज भी लोगों को लगता है कि बाईसेक्सुअल्स (Bisexuals) हमसे अलग हैं, ये हमारे समाज का हिस्सा नहीं हैं। जबकि विज्ञान ने भी माना है कि उनकी शारीरिक रचना बिल्कुल हमारे-आपके जैसी ही होती है। फर्क सिर्फ सेक्सुअल बिहेवियर या पसंद का है। बाईसेक्सुअल लोगों को समाज में उनकी जगह दिलाने के लिए ही हर साल 23 सितंबर को ‘इंटरनेशनल बाईसेक्सुअलिटी डे’ (International Bisexuality day) मनाया जाता है।
बाईसेक्सुअल, उन्हें कहते हैं जो लड़के और लड़की दोनों की तरफ आकर्षित होते है। बदलते वक्त के साथ लोगों ने बाईसेक्सुअल लोगों को भी अपनाना शुरू कर दिया है। 1999 से हर साल बाईसेक्सुअलिटी डे मनाया जाता है ताकि इन लोगों को भी सपोर्ट और उनके अधिकार मिल सकें। अमेरिका में बाईसेक्सुअल्स के अधिकारों के लिए लड़ने वाले तीन एक्टिविस्टों ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी।
आज इंटरनेशनल बाईसेक्सुअलिटी डे पर सोशल मीडिया उनके सपोर्ट में किए जा रहे पोस्ट्स से भरा पड़ा है। देश दुनिया के तमाम बाईसेक्सुअल्स अब पब्लिकली अपनी पहचान बताने से झिझकते नहीं है।