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Thursday, November 14, 2024

सिंधिया फैंस क्लब के नेता की सरपंच और सरपंच प्रतिनिधियों ने चप्पलों से की मारपीट

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विदिशा। सिंधिया फैंस क्लब के नेता की सरपंच और सरपंच प्रतिनिधियों ने चप्पलों से पिटाई कर दी। नेता पर आरोप है कि उसने पंचायत में विकास के लिए राशि स्वीकृत कराने के नाम पर सरपंचों से कमीशन लिया। इसके बाद भी राशि मंजूर नहीं कराई। जिसके बाद कुछ आक्रोशित सरपंच और उनके प्रतिनिधियों ने नेता की सरेराह पिटाई कर दी। मामला विदिशा जिले के सिरोंज में शनिवार का है। इसका वीडियो सोमवार को सामने आया। यहां पर देवेंद्र शर्मा (28) सिंधिया फैंस क्लब के ग्रामीण जिला अध्यक्ष पद पर हैं। सरपंचों का आरोप है कि देवेंद्र शर्मा ने राशि मंजूर कराने के लिए पैसे लिए थे। करीब दो महीने बाद भी राशि स्वीकृत नहीं कराई। काम नहीं होने पर जब हम लोगों ने उससे रुपए वापस मांगे तो वो कुछ दिन से टाल रहा था।

 

वही सरपंचों का आरोप है कि देवेंद्र शर्मा ग्रामीण क्षेत्र में खुद को पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया का करीबी बताकर रौब झाड़ता है। वह पंचायतों में विकास राशि स्वीकृत कराने के नाम पर सरपंचों से उस राशि का 10 से 15 प्रतिशत कमीशन लेता है। वह कई मंत्रियों से खुद के संबंध होने का दावा भी करता है। उसने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ फोटो लगा रखी है। मंत्रियों के साथ उसके कई फोटो देखकर सरपंचों ने उस पर भरोसा कर लिया। कई सरपंचों ने पंचायत में विकास निधि स्वीकृत कराने के लिए उसे रुपए भी दे दिए। काम नहीं होने पर जब पैसे मांगे तो वह टालने लगा। इसी बात से सरपंच और उनके प्रतिनिधि भड़क गए।

 

 

सिंधिया फैंस क्लब के ग्रामीण जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा की पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस का बयान भी सामने आया है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुरेंद्र रघुवंशी ने कहा कि जनपद पंचायत में मंत्री के नाम पर कमीशन का खेल चल रहा है। ये पिटाई लेनदेन के विवाद में ही हुई।

इस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व ग्रामीण मंडल अध्यक्ष कैलाश शर्मा ने कहा कि मैं उसे नहीं जानता। पार्टी की मीटिंग में भी उनका आना-जाना नहीं है। वो कौन है, कैसा है, मुझे नहीं पता।

 

प्रदेश अध्यक्ष का दावा-तीन महीने पहले ही हटाया सिंधिया फैंस क्लब के प्रदेश अक्षय सक्सेना का दावा है कि करीब 3 महीने पहले ही देवेंद्र शर्मा को पद मुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि विदिशा के दूसरे लोगों से उनकी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी। इसी कारण उनको संगठन से हटा दिया है। वहीं 23 नवंबर को विदिशा के ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति की गई थी। इस नियुक्ति पत्र की प्रतिलिपि देवेंद्र शर्मा को भी भेजी गई थी। इसमें साफ-साफ देवेंद्र शर्मा को ग्रामीण जिला अध्यक्ष बताया गया था।

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