मुरैना। मुरैना के ऐंती पर्वत पर स्थित त्रेतायुगीन शनि मंदिर में अनोखा वीडियो सामने आया है। वीडियो के आधार पर दावा किया जा रहा है कि भगवान शनिदेव की बंद आंखों वाली प्रतिमा की आंखें कुछ देर के लिए खुली। वीडियो बना रहे श्रद्धालु ने अचंभित होकर मोबाइल हटाकर प्रतिमा को देखा तब भी आंखें खुली हुई थी। हालांकि प्रतिमा के पास खड़े पुजारी और सैकड़ों श्रद्धालु इस दृश्य को नहीं देख पाए। वीडियो में खुली आंखों के साथ भगवान शनिदेव की प्रतिमा पूर्ण रूप से काली दिखाई दे रही है। इसे देखकर धर्म प्रेमी और श्रद्धालु चर्चा कर रहे हैं कि खुली आंखों के साथ क्रोध की मुद्रा से भगवान शनि के कोप का कौन भाजन बनेगा अथवा किस पर कृपा होगी। इसे लेकर मंदिर के पुजारी का कहना है कि यदि ऐसा हुआ है तो ये अनहोनी के संकेत है। हालांकि इसे लेकर पुरातत्व विभाग के अधिकारी का कहना है कि ये आंखों का धोखा हो सकता है।
कई दशकों से मंदिर में आश्रय लिए बाबा शिवरामदास त्यागी महाराज ने वीडियो देखने के बाद कहा कि वीडियो से अगर छेड़छाड़ नहीं हुई है, तब अनिष्ट की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। वर्ष 2022 के अंतिम दिवस 31 दिसंबर को दोपहर 4 बजे दर्शन करने के बाद श्रद्धालु ने गर्भगृह के बाहर वीडियो बनाया। इस दौरान ही उसे आंखें खुली दिखाई दीं। श्रद्धालु इसे अपने लिए शुभ संकेत मान रहा है। ग्वालियर पुलिस लाईन में पदस्थ पुलिसकर्मी अशोक परिहार ने बताया कि वह 31 दिसंबर की शाम को मुरैना के रिठोरा कलां ऐंती पर्वत स्थित भगवान शनिदेव के दर्शन करने पहुंचा था। शाम के करीब 4 बजे का समय होगा, वह मंदिर में भगवान शनिदेव की प्रतिमा की वीडियो बना रहा था। तभी उसे वीडियो में भगवान के नेत्र खुले दिखाई दिए, तो उसने मोबाइल हटाकर अपनी आंखों से देखा तो वहीं नजारा दिखाई दिया। वहीं श्रद्धालु अशोक परिहार अब इस घटना को अपने ऊपर भगवान शनिदेव की कृपा बता रहा है।
भगवान शनिदेव मंदिर के पुजारी बाबा शिवरामदास त्यागी महाराज का कहना है कि ये वीडियो किसी की कलाकारी भी हो सकती है। हालांकि पुजारी शिवरामदास त्यागी महाराज का यह भी कहना है कि अगर भगवान शनिदेव ने अपने नेत्र खोले हैं, तो बहुत बड़ी बात है। ऐसा कई वर्षों पहले भी हुआ था। तब ग्वालियर में छोटी रेल की दुर्घटना हुई थी। इसमें राजस्थान के करीब 200 लोगों की मृत्यु हुई थी, अब अगर यह सत्य है कि भगवान ने नेत्र खोले हैं तो अब देखना होगा कि भगवान का प्रकोप किस पर पड़ता है। मंदिर पुजारी ने बताया कि पहले मंदिर वास्तु दोष के हिसाब से बना है, लेकिन अभी मंदिर में तीसरे द्वार का निर्माण चल रहा है। अगर मंदिर में चौथा द्वार नहीं बनाया तो भी वास्तु दोष के हिसाब से अनहोनी हो सकती है।
मुरैना के पुरातत्व विभाग के अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया कि ऐंती पर्वत पर जो शनि मंदिर में प्रतिमा है वह पत्थर की है। इस पर तेल चढ़ता रहता है, जिससे इसमें चिकनाहट आ जाती है। जब इस की सफाई की जाती है, तो ऐसा लगता है कि मूर्ति में कुछ परिवर्तन हुआ, लेकिन ऐसा होता नहीं है। लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार इसको कुछ ना कुछ नाम दे देते है। जहां तक आंख खुलने की बात है, वह भी इसी तरह की घटना है।