राशि।ज्योतिष गणनाओं के अनुसार सूर्य का मकर राशि में गोचर आज 14 जनवरी 2023 को होने जा रहा है। इस गोचर काल में ही मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है और सूर्य देव की आराधना की जाती है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है।
मकर संक्रांति के त्योहार को भारत के अलग-अलग हिस्सों में लोहड़ी, भोगी पांडुगा, पोंगल, पेड्डा पांडुगा, उत्तरायण, माघ बिहू जैसे कई अन्य नामों और विभिन्न परंपराओं के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति दो शब्दों मकर और संक्रांति से बना है। मकर का तात्पर्य मकर राशि से है और संक्रांति का अर्थ है परिवर्तन। ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है।
सूर्य का मकर राशि में गोचर 14 जनवरी 2023 को रात 08.22 मिनट पर होगा। मकर राशि के स्वामी शनि हैं। ऐसे में सूर्य के इस गोचर के कई प्रभाव देखने को मिलेंगे। सूर्य और शनि को एक-दूसरे का शत्रु ग्रह माना गया है, लेकिन दोनों के पिता-पुत्र के संबंध भी हैं। इस दौरान सूर्यदेव शनि के प्रति अपना क्रोध भूल जाएंगे और आशीर्वाद देंगे।
मेष राशि: प्रतिदिन तांबे के पात्र में सूर्य को जल दें।
वृषभ राशि: अपने पिता व पिता तुल्य लोगों का सम्मान करें और घर से निकलने से पहले उनका आशीर्वाद लें।
मिथुन राशि : प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
कर्क राशि: सूर्य देव की उपासना करें और प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करें।
सिंह राशि: अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से अदरक, तिल और गुड़ का सेवन करें।
कन्या राशि: मकर संक्रांति के दिन छोटे बच्चों को गुड़ और तिल का दान करें।
तुला राशि: अपने पिता व पिता तुल्य लोगों को ऊनी वस्त्र उपहार में दें।
वृश्चिक राशि: रोजाना सुबह जल में गुलाब की पंखुड़ियां डालकर सूर्य को जल दें।
धनु राशि: अपने पिता की सेवा करें और सुबह जल्दी
उठकर उनके चरण स्पर्श करें।
मकर राशि: प्रतिदिन गुड़ के साथ गाय को गेहूं के आटे की रोटी दें।
कुंभ राशि: गरीबों और जरूरतमंदों को तिल और गुड़ की मिठाई व कंबल दान
मीन राशि: प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें।