सागर। सागर में स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। जहां पश्चिम बंगाल और असम की लड़कियों से देह व्यापार कराया जा रहा था। शिकायत के बाद पुलिस ने यहां छापा मारकर सेंटर संचालक और मैनेजर के अलावा 5 युवतियों को गिरफ्तार किया है। ये युवतियां दार्जिलिंग और असम की रहने वाली हैं। वहीं आरोपी संचालक रीवा का रहने वाला है। महिला थाना प्रभारी रीता सिंह ने सागर के मकरोनिया क्षेत्र में संचालित ‘क्रिस्टल स्पा सेंटर’ पर शुक्रवार को छापा मारा था। उन्हें शिकायत मिली थी कि यहां स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है। इस मामले में सेंटर संचालक रामराज सिंह निवासी चुरहट, रीवा और मैनेजर राहुल ठाकुर निवासी को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 5 युवतियां भी मिलीं। इनमें एक नाबालिग है। पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं।
महिला थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत मिलने पर एक पुलिसकर्मी को कस्टमर बनाकर भेजा गया। उसने पहले मसाज की बात कही। बाद में लड़की उपलब्ध करवाने की बात की। संचालक सर्विस उपलब्ध करवाने के लिए राजी हो गए। देह व्यापार की बात स्पष्ट होते ही पुलिस टीम पहुंच गई। स्पा सेंटर का संचालक रीवा जिले के चुरहट का रहने वाला है। वह 4 महीने पहले ही सागर के मकरोनिया आया है। यहां गौर नगर इलाके में किराए का मकान लेकर स्पा सेंटर शुरू किया। कुछ दिनों में स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट चलाने लगा।
स्पा सेंटर पर मिली लड़कियों में दो पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और तीन असम की रहने वाली हैं। इनमें से एक लड़की नाबालिग है। पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि वह 4 महीने पहले ही सागर आई थीं। यहां स्पा सेंटर में नौकरी करती हैं। इसके बदले में हर महीने 15 हजार रुपए सैलरी मिलती है। स्पा सेंटर में कस्टमर्स को मसाज की सर्विस देती थीं।लड़कियों ने पूछताछ में बताया कि स्पा सेंटर में मसाज के लिए आने वाले कस्टमर्स से 1500 रुपए चार्ज लिया जाता था। वहीं, युवती की सर्विस लेने के लिए अलग से एक हजार रुपए देने होते थे। इसके अलावा, घंटों के हिसाब से पैसे बढ़ते जाते थे। पूरी रात के 4 से 5 हजार रुपए वसूले जाते थे। स्पा सेंटर संचालक ने 30 हजार रुपए महीने में किराए पर मकान ले रखा था। मकान के 4 कमरों में स्पा सेंटर चलता था। वहीं, 3 कमरों में 5 युवतियां और खुद संचालक व मैनेजर रहते थे। स्पा सेंटर में आने वाले कस्टमर्स को यहीं युवतियां उपलब्ध कराई जाती थीं। उन्हें सुरक्षा की गारंटी भी दी जाती थी।