शिवपुरी। शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा के एक गांव में एक नीम के पेड़ को ग्रामीण चमत्कारी मान रहे हैं। यह नीम का पेड़ पांच दिनों से लगातार दूध की धार बरसा रहा है। इसके चलते ग्रामीणों द्वारा इस चमत्कारी पेड़ की पूजा अर्चना भी की जाने लगी है। दरअसल इंदार थाना क्षेत्र के अमारा गांव के एक सिद्ध स्थल कारस देव के चबूतरे पर एक नीम का पेड़ लगा है। पिछले पांच दिनों इस नीम के पेड़ से लगातार बिना रुके दूध की धार बह रही है। ग्रामीण इस दूध की धार की चमत्कार मान रहे है। इसके बाद सिद्ध स्थल के साथ साथ इस नीम के पेड़ की भी पूजा-अर्चना की जाने लगी है।
अमारा के ग्रामीणों का मानना इस कि इस दूध से लोगों के चर्म रोग दूर हो रहे है। अब तक कई ग्रामीणों को इसका लाभ भी मिला है। इसलिए ग्रामीणों ने मिलकर नीम के पेड़ बहती दूध की धार के नीचे एक मिट्टी का बर्तन भी लगा दिया। जिसमें दूध एकत्रित होता रहता है। किसी भी ग्रामीण को चर्म रोग की बीमारी होती है, तो वह अपने बर्तन में भरकर इस दूध को ले जाता है। पीने के बाद उसे चर्म रोग में काफी आराम भी मिलता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस दूध का स्वाद नारियल पानी की तरह है। जो पीने हल्की मिठास छोड़ता है।
ग्रामीणों की माने अब 50 ग्रामीण इस चमत्कारी नीम के पेड़ से निकलते दूध को अपने बर्तनों में भर कर ले गए हैं। इसके अलावा ग्रामीणों के माने तो दिन प्रति दिन लोग इस चमत्कार को देखने अमारा गांव पहुंच रहे हैं। अमारा गांव सिद्ध स्थाल कारस देव के पेड़ से लगातार बहती दूध की धारा का वीडियो भी तेज रफ्तार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस विषय पर प्रोफेसर मंजू वर्मा और डॉक्टर रितेश यादव की ओर से एक ही बात कही गई है। दोनों का कहना है कि नीम के पेड़ को एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टी माना जाता है। नीम का पेड़ सदियों से ओषधि से भरपूर माना जाता रहा है। कई दवाओं में नीम का इस्तेमाल किया जाता रहा है। सम्भवतः इसी के चलते लोगों को चर्म रोग में आराम मिल रहा होगा। नीम के पेड़ से लगातार निकलता सफेद रंग का द्रव्य जांच का विषय है।