नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जरिए बच्चों से संवाद किया। इस दौरान बच्चों ने तरह-तरह के सवाल पूछे। एक मौके पर बच्चों ने घुमा फिराकर एक राजनीतिक सवाल भी पूछ लिया।बच्चों ने पूछा कि विपक्ष की आलोचनाओं को प्रधानमंत्री किस तरह लेते हैं और किस तरह उनसे बचा जा सकता है। इस पर पीएम मोदी ने कहा मैं सिद्धांत रूप से मानता हूं कि लोकतंत्र के लिए आलोचना शुद्धि का यज्ञ है। आलोचना समृद्ध लोकतंत्र की पूर्व शर्त है।
आजकल राजनीति में आरोप लगाए जाते हैं। आरोपों की परवाह नहीं करना चाहिए। आरोपों को बक्से में डाल दीजिए, लेकिन आलोचना को गंभीरता से लीजिए।आरोप लगाना आसान है लेकिन आलोचना करने के लिए बहुत मेहनत लगती है बहुत अध्ययन करना पड़ता है विश्लेषण करना पड़ता है जानकारी जुटाना पड़ती है।पीएम मोदी ने संसद की कार्यवाही का उदाहरण देते हुए बताया संसद में जब हमारा कोई सांसद अच्छी तैयारी करके आता है लेकिन विपक्ष का कोई सदस्य उसे टोंक देता है तो वह विचलित होता है तो अपनी बात से भटक जाता है। इसलिए दूसरे क्या कह रहे हैं उस पर अधिक ध्यान देने के बजाए अपने काम पर फोकस करें।
परीक्षा पर चर्चा’ मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है।
आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आप से नई अपेक्षा करेगा चारों तरफ से दबाव होता है लेकिन क्या हमें इस दबाव से दबना चाहिए?
ऐसे ही आप भी यदि अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबाव के दबाव में ना रहें।
केवल परीक्षा के लिए ही नहीं हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए।
आप ऐसा स्लैब बनाइए कि जो आपको कम पसंद विषय है उसको पहले समय दीजिए उसके बाद उस विषय को समय दीजिए जो आपको पसंद है।
जो मेहनती विद्यार्थी है उसकी मेहनत उसकी जिंदगी में अवश्य ही रंग लाएगी।
हो सकता है कोई नकल कर आपसे दो-चार नंबर ज्यादा ले जाएगा लेकिन वो कभी भी आपकी ज़िन्दगी की रुकावट
नहीं बन पाएगा। आपके भीतर की ताकत ही आपको आगे ले जाएगी।
छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब ज़िंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा लेकिन ज़िन्दगी कभी पार नहीं कर पाएगा।