राशि। वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय के देवता माना जाता है और पौराणिक मान्यता है कि शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सौर मंडल में शनि सबसे बड़ा ग्रह है और इसकी चाल सबसे धीमी होती है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार शनि को अशुभ माना जाता है, वहीं दूसरी ओर जब किसी जातक की कुंडली में शनि देव मजबूत स्थिति में होते हैं तो जातकों को कई सुख-सुविधाओं और विलासिता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक शनि देव 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं। शनि जिस राशि में प्रवेश करते हैं उस राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का चरण शुरू हो जाता है। ऐसे में इस दौरान शनि की साढ़े साती का समय बहुत कष्टदायक होता है। कुंभ राशि में शनि 2025 तक मौजूद रहेंगे। ये 29 मार्च 2025 को दूसरी राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान कुंभ सहित इन 5 राशि वालों के लिए शनि देव संकट पैदा कर सकते हैं।
ककर्क राशि
कर्क राशि वालों के 8वें भाव में शनि देव विराजमान हैं।ऐसे में कर्क राशि वालों को भी अलर्ट रहना चाहिए। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की योजना बना रहे छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। नौकरीपेशा जातकों के ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। कार्यक्षेत्र में कई चुनौतियां झेलनी पड़े। वैवाहिक जीवन में परेशानी आ सकती है।
कन्या राशि
शनिदेव कन्या राशि वालों के 5वें और छठे भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आपको मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। सेहत से प्रति सावधानी बरतें। पेट से संबंधित समस्या भी हो सकती है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए भी शनि की ढैय्या शुरू हो चुकी है, जो कि 2.5 वर्षों तक चलेगी। वृश्चिक राशि शनि तीसरे और चौथे भाव के स्वामी हैं। पारिवारिक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। नौकरी बदलने की योजना बना रहे हैं तो सावधानी बरतें। शिक्षा के दृष्टिकोण से छात्रों को अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस हो सकती है। बिजनेस में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। कड़ी मेहनत के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। लग्न भाव में शनि देव का गोचर होने से व्यक्तिगत संबंधों और वैवाहिक जीवन पर बुरा असर होगा। अपने गुस्से पर नियंत्रण रखें। बुजुर्गों की सलाह पर काम करें।
मीन राशि
मीन राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो रहा है। शनि मीन राशि वालों की कुंडली में 11वें और 12वें भाव के स्वामी के रूप में 12वें भाव में बैठे हैं। मीन राशि वालों के खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। विदेश जाने के अवसर बन सकते हैं। आर्थिक रूप से परेशानी का दौर शुरू हो सकता है। अपने पार्टनर को नजरअंदाज न करें वरना ब्रेकअप हो सकता है।