सतना। सतना की रामनगर जनपद में गुरुवार को प्यार के आगे उम्र के सारे बंधन भी टूट गए। एक बुजुर्ग जोड़े ने उम्र के चौथे पड़ाव पर पहुंचकर विवाह रचाया। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में 75 साल के दूल्हे भगवानदीन और 65 साल की मोहनिया ने सात फेरे लिए। रामनगर की देवरी पंचायत के रहने वाले भगवानदीन जन्म से दिव्यांग है। उनका विवाह हुआ था, लेकिन कोई संतान नहीं हुई। 11 साल पहले उनकी पत्नी की मौत हो गई। उधर, मोहनिया ने तो विवाह ही नहीं किया था। विवाह सम्मेलन में प्रदेश के पंचायत राज्य मंत्री राम खिलावन पटेल शामिल हुए।
भगवानदीन की पत्नी के निधन के बाद वह अकेले हो गए थे। मोहनिया भी अकेली ही थी। दोनों के घर भी अलग-अलग बने हुए हैं, लेकिन पिछले 10 साल से दोनों लिव इन की तरह रह रहे थे। उनके प्रेम की खबर गांववालों को भी थी। इसी बीच उन्हें पता चला गांव में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह सम्मेलन होने वाला है। गांववालों ने भगवानदीन को मोहनिया से शादी करने के लिए प्रेरित किया। दोनों शादी के लिए राजी हो गए। जैसे ही ये प्रेमी जोड़ा कार्यक्रम स्थल पहुंचा तो उन्हें देखने के लिए भीड़ जमा हो गई। इस अनोखे जोड़े को देखकर हर कोई हैरान था। शादी की रस्में शुरू हुईं। दिव्यांग भगवानदीन को ग्रामीणों ने गोद में उठाकर अग्नि के फेरे लगवाए। आखिर भगवानदीन और मोहनिया एक दूजे के हो गए।
रामनगर जनपद में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बुजुर्ग दूल्हा-दुल्हन समेत 135 जोड़ों का विवाह हुआ। इस मौके पर प्रदेश के पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल मौजूद रहे। उन्होंने नव दंपतियों को नए जीवन में प्रवेश पर शुभकामनाओं के साथ 11 हजार रुपए का चेक और 34 हजार रुपए के गृहस्थी का सामान और जेवर उपहार में दिए।