रतलाम। रतलाम के रावटी में जीव दया और जीवो के प्रति संवेदनशीलता का आदर्श उदाहरण देखने को मिला है । शनिवार को एक परिवार ने अपने घर की पालतू गाय की मृत्यु होने पर उसे अपने घर से इस तरह विदा किया मानो उसके परिवार का ही कोई शख्स दुनिया को अलविदा कह गया हो। गौ माता की इस अंतिम विदाई में गांव के सैकड़ों लोग भी शामिल हुए। दरअसल यह कोई साधारण शव यात्रा नहीं है बल्कि एक गौमाता की शव यात्रा है । जिसने ताउम्र एक परिवार को अपनी संवेदनाओ, और प्यार से सींचा है । यही वजह है कि जब उस प्राणी का अंतिम समय आया तो इस परिवार ने भी इस मूक प्राणी को इस तरह विदाई दी जिसे देखकर हर देखने वाले की आंखें नम हो गई।
यह पूरा घटनाक्रम रतलाम के रावटी कस्बे का है। यहां के निवासी श्रेणिक चत्तर पालतू गाय ने प्राण त्याग दिए। यह परिवार गाय को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उसका डेढ़ साल के ईलाज भी करवा रहा था। बीमारी के चलते आज सुबह गौमाता कि मृत्यु हो गई जिसके बाद इस परिवार ने गौ माता को अपने परिवार का सदस्य मानकर पूरे विधि विधान और रस्मो रिवाज के साथ उसे अपने घर से विदा किया। बकायदा गौ माता के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली को फूलो से सजाया गया । गौमाता कि देह को रखकर कर पूरे गांव में शोभायात्रा निकाली गई । जिस भी ग्रामीण ने यह नजारा लिखा उसकी आंखें नम हो गई और जिस भी सड़क से गौ माता की अंतिम यात्रा निकली वहां ग्रामीणों ने उनकी पूजा-अर्चना कि।
गौ माता को गांव के ही बाहर गहरा गड्ढा कर दफनाया गया और पूरे रस्मो रिवाज के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। अब यह परिवार गौ माता की तेरहवीं करने की तैयारी में जुटा है। गौ माता की अंतिम यात्रा में श्रेणिक चत्तर का पूरा परिवार व आसपास के रिश्तेदार भी शामिल हुए। वहीं जीव दया प्रेमी इस गौ पालक की पहल को अनुकरणीय बता रहे हैं।