इंदौर। नई शराब नीति में आहतों को बंद करने के शासन के निर्णय का सीधा असर शराब दुकानों पर क्या असर पड़ा है। इसका खुलासा आज होगा। दरअसल जिले की कुल 64 मदिरा समूहों में से 25 समूहों की दुकानों के लाइसेंस रिन्यू नहीं हुए है। आबकारी विभाग ने इसके लाटरी के माध्यम से आवंटन करने का निर्णय लिया था। आज बात का पता चलेगा कि कितनी दुकाने बिकी है।
जानकारी के अनुसार पिछले साल इंदौर जिले की 64 समूहों की 173 दुकानें 1276 करोड़ रुपयों में नीलाम हुई थी। इस साल 10 प्रतिशत राशी अधिक लेकर पुराने लाइसेंस को ही नवीनीकरण करने के लिए कहा गया था। जिससे इंदौर जिले की सभी दुकाने करीब 1400 करोड़ के राजस्व में नीलाम करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन नवीनीकरण से बच गए 25 मदिरा एकल समूहों को लॉटरी के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया था। गुरुवार को इसके आवेदन की अंतिम तारीख थी। आज शुक्रवार को ठेके दे दिए जाएगें।
आबकारी अधिकारियों के अनुसार हर समुह में करीब तीन दुकान होती है। इस तरह से करीब जिले की करीब 75 दुकानों का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हुआ है। इधर सूत्रों का कहना है कि आहते बंद होने से ही दुकानों लायसेंस नवीनीकरण नहीं करवाए है। नई नीति के आने के बाद से ही इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही थी वर्तमान में दुकान चला रहे ठेकेदार या समुह अपनी दुकान का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं करवाएगें।
इसके अलावा 18 दुकानें नए नियम में धर्म स्थल, अस्पताल और स्कूलों के पास होने से दूर शिफ्ट भी हो जाएगी। इसकी तैयारी की जा रही है। एक अप्रैल से शहर की 18 दुकानें दूर होगी। इधर शहर के कई इलाकों में रहवासी संगठनों शराब दुकानों का विरोध शुरू कर दिया है।