भोपाल। मध्यप्रदेश में अब भी कहीं-कहीं बारिश का दौर जारी है। वर्तमान में हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से दिन और रात के तापमान में भी विशेष परिवर्तन नहीं हो रहा है। अभी दो-तीन दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहेगा। उसके बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश में गरज-चमक के साथ वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो सकता है। प्रदेश में सबसे गर्म खंडवा रहा। सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। सबसे गर्म रात नर्मदापुरम की रही।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के रीवा, सागर, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर एवं शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। नईगढ़ी, ब्योहारी, सतना में 1 सेमी तक पानी गिरा है। अधिकतम तापमान में सभी संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वे भोपाल, ग्वालियर संभागों के जिलों में सामान्य से कम तथा शेष संभागों में सामान्य रहे। प्रदेश में सबसे गर्म खंडवा रहा। यहां 35.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। न्यूनतम तापमान शहडोल संभाग के जिलों में काफी गिरे तथा शेष संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। भोपाल, शहडोल संभाग के जिलों में सामान्य से कम रहे। प्रदेश में सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा।अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि उमरिया, अनूपपुर, सीधी, शहडोल, सिंगरौली एवं बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। साथ ही यहां बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। इसके लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। 12 मार्च से तापमान क्रमिक बढ़ोतरी की संभावना है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार तापमान में गिरावट रही। दिन का तापमान 1.8 डिग्री तक लुढ़का है तो रात का पारा साढ़े चार डिग्री तक गिरा है। प्रदेश में सबसे गर्म खंडवा रहा। खंडवा में 35.5, खरगोन में 34.2, मंडला-नरसिंहपुर में 34, उमरिया में 33.7, राजगढ़ में 33.5, नर्मदापुरम में 33.3, धार में 33 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं प्रदेश में सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। पचमढ़ी में 11 डिग्री तापमान रहा। वहीं सबसे गर्म रात नर्मदापुरम की रही। नर्मदापुरम में 17.5, सागर-सीधी में 16.4, दमोह में 16.2, सिवनी-रतलाम में 16, इंदौर में 15.8, मंडला में 15.6, नौगांव में 15.5, खरगोन में 15.4, धार में 15.7, खंडवा-नरसिंहपुर में 15 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से दिन और रात के तापमान में भी विशेष परिवर्तन नहीं हो रहा है। अलग-अलग स्थानों पर बने दो वेदर सिस्टम के असर से वातावरण में नमी मौजूद है। इसी कारण प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है। वर्तमान में उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक चक्रवात एक्टिव है। पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात भी मौजूद है। इन दो मौसम प्रणालियों के असर से वातावरण में नमी आ रही है। अभी दो-तीन दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहेगा। उसके बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश में गरज-चमक के साथ वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो सकता है।