इंदौर। शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद तीन डिब्बों वाली 25 ट्रेनें चलेंगी। यहां बन रहे 29 स्टेशनों पर हर 90 सेकंड में ट्रेन उपलब्ध होगी। तीन साल बाद यह ट्रेन ड्राइवरलेस हो जाएगी। अभी केवल दिल्ली में एक लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो चलती है। 13 मार्च को प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह अल्स्टाम ट्रांसपोर्ट इंडिया के वडोदरा, गुजरात (सावली संयंत्र यूनिट) में मध्य प्रदेश मेट्रो के रोलिंग स्टाक के निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखाएंगे। मई से कोच की डिलीवरी चालू हो जाएगी।
मेट्रो का एक डिब्बा
लंबाई : 22 मीटर
चौड़ाई : 2.9 मीटर
मेट्रो कंपनी के एमडी मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर में ट्रायल रन में एक ट्रेन चलेगी। इंदौर में 75 डिब्बे आएंगे, जिससे तीन डिब्बों की 25 ट्रेनें चलेंगी। मेट्रो डिब्बे की लंबाई 22 मीटर और चौड़ाई 2.9 मीटर होगी। दो ट्रेनों के बीच न्यूनतम समय 90 सेकंड का होगा और संचालन की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटा डिजाइन पर प्रस्तावित है। जानकारी अनुसार, वडोदरा की सावली संयंत्र यूनिट में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ प्रमुख सचिव नगरी प्रशासन नीरज मंडलोई, मेट्रो एमडी मनीष सिंह, परियोजना निदेशक अजय शर्मा, निदेशक सिस्टम शोभित टंडन व मेट्रो परियोजना के अन्य अधिकारी भी जाएंगे।
एमडी मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर मेट्रो अत्याधुनिक सिग्नलिंग तकनीक ग्रेड आफ आटोमेशन-4 और अनअटेंडड ट्रेन आपरेशन मोड (ड्राइवरलेस) पर आधारित होगी। इंदौर मेट्रो ड्राइवर- ट्रेन आपरेटर द्वारा चलाई जाएगी और दो से तीन साल बाद अनअटेंडड ट्रेन आपरेशन मोड में बिना ड्राइवर -आपरेटर के इनका संचालन होगा। अत्याधुनिक टेलीकम्युनिकेशन (दूरसंचार) सिस्टम के तहत इमरजेंसी हेल्प पाइंट सिस्टम, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम, वायस रिकॉर्डिंग सिस्टम, सीसीटीवी आदि की सुविधा होगी। इंदौर और भोपाल मेट्रो परियोजना में प्राथमिकता कोरिडोर्स में गाड़ी संचालन अप्रैल-2024 में प्रस्तावित है। इसके लिए अगस्त और सितंबर तक सभी आवश्यक कार्यों को पूर्ण करके गाड़ी के परीक्षण को शुरू करने का लक्ष्य है।